
क्या तटस्थ देश कर सकते हैं ICC के आदेश की अनदेखी, क्यों अरेस्ट वारंट के बाद भी मंगोलिया में सुरक्षित पुतिन?
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया दौरे पर हैं. यूक्रेन से लड़ाई छिड़ने के बाद से ये पहला मौका है जब वे ऐसे मुल्क में है, जो इंटरनेशनल क्रिमिकल कोर्ट (आईसीसी) का सदस्य है. कोर्ट ने पिछले साल ही पुतिन का अरेस्ट वारंट जारी किया था. तो क्या मंगोलिया इस आदेश को नजरअंदाज कर सकता है. क्या है न्यूट्रल स्टेट होना, जो मंगोलिया को इसकी छूट देता है?
रूस और यूक्रेन की लगभग ढाई सालों के चल रहे युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया पहुंचे. मंगोलिया इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का सदस्य देश है, जो पिछले साल ही पुतिन को अरेस्ट करने की बात कह चुका. लेकिन मंगोलिया न केवल इस आदेश को नजरअंदाज कर रहा है, बल्कि पुतिन की जमकर मेहमाननवाजी जैसी तस्वीरें भी आ रही हैं. तो क्या आईसीसी के आदेश में कोई वजन नहीं, या फिर मंगोलिया के पास कोई खास ताकत है?
क्यों निकला पुतिन की गिरफ्तारी का वारंट रूस पर आरोप है कि उसकी सेना ने सरकारी आदेश पर यूक्रेन को तहस-नहस कर डाला. उसक इंफ्रास्ट्रक्चर ही तबाह नहीं हुआ, लाखों यूक्रेनी नागरिक घर छोड़ने या दूसरे देशों में शरण लेने पर मजबूर हो गए. वॉर क्राइम की एक लंबी लिस्ट है, जिसमें दो बड़े आरोप पुतिन के सिर आए हैं. कथित तौर पर उनके कहने पर यूक्रेनी मूल के बच्चों को जबरन रूस लाया गया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने ये मामला आईसीसी में उठाया था, जिसके बाद पुतिन के खिलाफ वारंट निकला.
क्या है आईसीसी और क्या करता है
आईसीसी नीदरलैंड में स्थित वो अदालत है, जहां इंटरनेशनल मामलों पर बात होती है. ये कोर्ट वॉर क्राइम, मानवीयता पर खतरे, नरसंहार और, दंगे-फसाद के अपराधियों पर कार्रवाई की बात करता है. लेकिन देश खुद भी तो ऐसा करते हैं, फिर आईसीसी की क्या जरूरत! तो ये कोर्ट तब दखल देती है, जब देश अपराधी पर खुद एक्शन न ले रहा हो, या फिर चाहकर भी ऐसा न कर पा रहा हो.
मंगोलिया पर जबर्दस्ती क्यों है मुश्किल

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







