
कौन-कौन से केस रजिस्टर्ड हैं भारत में मेहुल चोकसी के खिलाफ, कितना मजबूत है पक्ष?
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डोमिनिका की गिरफ्त में मेहुल चोकसी को क्या भारत लाया जाएगा. पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी को लेकर बुधवार को डोमिनिका की अदालत में सुनवाई है, जिसपर हर किसी की निगाहें हैं.
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी इन दिनों कैरिबियाई देश डोमिनिका की पुलिस की गिरफ्त में है. बुधवार को डोमिनिका की कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिससे ये तय होगा कि क्या मेहुल चोकसी को भारत लाया जाएगा या फिर उसे एंटीगुआ ही शिफ्ट कर दिया जाएगा. भारत की ओर से मेहुल चोकसी को सीधे डोमिनिका से भारत लाने की ही कोशिश हो रही है, यही कारण है कि सीबीआई की एक टीम डोमिनिका पहुंच रही है. इस टीम में दो मेंबर सीबीआई के और कुछ अन्य एजेंसी के सदस्य भी हैं, ताकि मेहुल चोकसी को अदालत में हर मोर्चे पर घेरा जा सके. अब जब मेहुल चोकसी के भारत आने के चांस बढ़ गए हैं, तो ऐसे में एक नज़र डालते हैं कि भारत में मेहुल चोकसी पर कितने केस दर्ज हैं, किन मामलों में उसे भारत लाया जा सकता है और क्या डोमिनिका से भारत लाना इतना आसान है?भारत में मेहुल चोकसी पर आरोप और केस: साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में हुए एक घोटाले का पता लगा, जिसने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया. डायमंड किंग मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. आरोप है कि दोनों ने बैंक के अधिकारी को रिश्वत खिलाकर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग की मदद से लगातार पैसा लिया और बाद में उसे चुकाया नहीं. बैंक के अधिकारी ने इनका कोई लेखा-जोखा नहीं रखा, ऐसे में पीएनबी की रकम कहां जाती रही किसी को पता नहीं चला. लेकिन साल 2018 में जब रकम 13,500 करोड़ तक पहुंची तब इसका खुलासा हुआ. हालांकि, भारत में बवाल होने से पहले ही मेहुल चोकसी भारत छोड़ चुका था. साल 2017 के अंत में मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी और वहां पर ही बस रहा था. मेहुल चोकसी पर भारत में अब सीबीआई और ईडी की ओर से केस चलाया जा रहा है, दोनों एजेंसियों ने पीएनबी की शिकायत पर ये केस दर्ज किए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने मेहुल चोकसी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया है, क्योंकि पैसों की लेन-देन विदेश में भी हुई. यानी मेहुल चोकसी पर मनी लॉन्ड्रिंग, चोरी, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार समेत कई मामलों में केस दर्ज किया गया है.
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जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

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