कोवैक्सीन, कोविशील्ड या स्पुतनिक: कौन कितनी असरदार, क्या हैं साइड इफेक्ट?
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देशभर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है तो वहीं लोग वैक्सीनेशन करवाकर इसे मात भी दे रहे हैं. इस समय देश में दो वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है.
देशभर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है तो वहीं लोग वैक्सीनेशन करवाकर इसे मात भी दे रहे हैं. फिलहाल देश में लोगों को दो वैक्सीन लगाई जा रही है. अब देश को कोरोना वारयस के खिलाफ कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा स्पुतनिक-वी वैक्सीन मिल गई है. रूस द्वारा तैयार की गई स्पुतनिक-वी वैक्सीन की कुछ डोज भारत में 1 मई को ही आ गई थी. इन वैक्सीन की प्रभावी दर, इम्यूनिटी बनाने की क्षमता और साइड इफेक्ट से हटकर देखा जाए तो कोरोना वायरस के खिलाफ ये तीनों वैक्सीन बेहद कारगर साबित हुई हैं. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने रूस में किए गए परीक्षणों के आधार पर स्पुतनिक-वी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है. इस परीक्षण में स्पुतनिक वी की एफिकेसी रेट 91.6% दर्ज की गई और कोरोना से लड़ाई के खिलाफ यह वैक्सीन कारगर सिद्ध हुई. इसकी तुलना में भारत की कोवैक्सीन, जिसे हाल ही में यूके के ज्यादा संक्रामक माने जा रहे कोरोना वैरिएंट के खिलाफ असरदार पाया गया है. इसका एफिकेसी रेट 81% से अधिक पाया गया. जबकि विश्व स्तर पर इस्तेमाल की जा रही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविशील्ड का एफिकेसी रेट 70.4% से अधिक दर्ज किया गया, जिसे दो डोज के बीच अंतराल बढ़ाकर 90% तक लाया जा सकता है.More Related News
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