
कोर पर लौटी BJP... रेखा गुप्ता को ताज, दिल्ली CM रेस में क्यों पिछड़ गए प्रवेश वर्मा?
AajTak
रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. रेखा के ठीक बाद प्रवेश वर्मा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. सीएम रेस में प्रवेश वर्मा क्यों पिछड़ गए और किन फैक्टर्स ने रेखा को सीएम की कुर्सी तक पहुंचा दिया?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार का आगाज हो गया है. रेखा गुप्ता ने केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. रेखा गुप्ता के साथ ही उनकी कैबिनेट के छह मंत्रियों ने भी रामलीला मैदान में आयोजित विकसित दिल्ली शपथ समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. शपथ लेने वाले मंत्रियों में सीएम पद के मजबूत दावेदार माने जाते रहे प्रवेश वर्मा का नाम भी शामिल है. बीजेपी के रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के दांव के पीछे क्या है और प्रवेश वर्मा क्यों सीएम रेस में पिछड़ गए? इसे 4 पॉइंट में समझा जा सकता है.
1- महिलाएं कोर वोटर लेकिन नहीं थी एक भी सीएम
महिलाएं बीजेपी का कोर वोटर मानी जाती हैं. राज्य दर राज्य बीजेपी की जीत के पीछे महिला मतदाताओं का निर्णायक रोल माना जाता है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी GYAN (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी) की बात करते हैं. बीजेपी भी हर चुनाव में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए संसद से पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम को उपलब्धि के तौर पर लेकर जाती है लेकिन पार्टी की सरकार वाले किसी भी राज्य में सरकार की कमान किसी महिला के हाथ में नहीं थी.
राजस्थान में जीत के बाद पार्टी ने पूर्व सीएम वसुंधरा की जगह भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया जिन्हें सीएम का स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा था. अब बीजेपी ने दिल्ली में महिला सीएम देकर पूरे देश की महिलाओं को यह संदेश देने की कोशिश की है कि हमने राष्ट्रीय राजधानी की सरकार की कमान एक महिला को दी है.
2- बनिया-ब्राह्मण की पार्टी लेकिन नहीं था कोई वैश्य सीएम
बीजेपी की एक पहचान बनिया और ब्राह्मण की पार्टी के रूप में रही है. वोट बेस के विस्तार में अलग-अलग जातियों, समाज के अलग-अलग वर्गों को जोड़ते बढ़ी पार्टी की आज डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों में सरकार है लेकिन पूर्वोत्तर के एक राज्य को छोड़ दें तो कहीं भी सरकार की कमान वैश्य वर्ग से आने वाले किसी नेता के हाथ मे नहीं है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







