कोरोना से बुरा हाल, अहमदाबाद के सबसे बड़े अस्पताल में 1200 बेड्स फुल, बाहर एम्बुलेंस में इंतजार कर रहे मरीज
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गुजरात के अहमदाबाद की तस्वीर भी कुछ अलग नहीं है, यहां अब अस्पताल में भर्ती होने के लिए लंबी वेटिंग चल रही है. गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों पर बोझ बढ़ रहा है.
देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इसका असर अब अस्पतालों पर पड़ने लगा है और मरीज़ों को बेड्स के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है. गुजरात के अहमदाबाद की तस्वीर भी कुछ अलग नहीं है, यहां अब अस्पताल में भर्ती होने के लिए लंबी वेटिंग चल रही है. गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों पर बोझ बढ़ रहा है. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के कैंपस में एम्बुलेंस कतारों के साथ खड़ी हैं, इनमें मरीज़ लेटे हुए हैं और अंदर बेड्स खाली होने का इंतजार कर रहे हैं. अहमदाबाद के इस सबसे बड़े कोविड अस्पताल में 1200 बेड्स फुल हो चुके हैं, जिसके कारण मरीजों को बाहर रोका गया है. ऐसे में एम्बुलेंस में ही मरीज़ों को ऑक्सीज़न दिया जा रहा है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.