कोरोना से निपटने के लिए आज होगी मॉकड्रिल, परखी जाएंगी बेड-वेंटिलेटर समेत स्वास्थ्य सुविधाएं
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को मॉक ड्रिल करने की अपील की है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि Mock drill के जरिए इस बात का आकलन हो पाएगा कि कोरोना की इस लड़ाई में देश के अस्पताल किस तरह तैयार हैं. मंगलवार को देशभर में तैयारियों को परखा जाएगा.
कोरोनावायरस ने एक बार फिर आहट दी है. विदेशों से आने वाले यात्री संक्रमित मिल रहे हैं. जिसके बाद से केंद्र सरकार और अलर्ट हो गई है. केंद्र की सलाह के बाद मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी सुनिश्चित करने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्यों की तैयारियों के बारे में जाना जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया खुद सुबह 10 बजे सफदरजंग अस्पताल में होने वाली मॉक ड्रिल का जायजा लेने जाएंगे.
इससे पहले सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टरों के साथ स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने एक बैठक की. इसमें मंत्री ने कहा- इस महामारी के प्रबंधन के अपने पिछले अनुभव के आधार पर हम कई प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसी ही एक मॉक ड्रिल है, जो मंगलवार को देशभर में होगी. इस तरह की प्रैक्टिस हमारी तैयारियों को परखने में मदद करेगी. यदि कोई कमी है तो उसे ठीक में मदद मिलेगी और हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
इन तैयारियों की ली जाएगी रिपोर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को मॉक ड्रिल करने की अपील की है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि Mock drill के जरिए इस बात का आकलन हो पाएगा कि कोरोना की इस लड़ाई में देश के अस्पताल किस तरह तैयार हैं. राज्यों के अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर कितना है? क्या अस्पतालों के पास पीपीपीई किट हैं? N-95 मास्क और वेंटिलेटर की कितनी संख्या है? कोविड के वार्ड कितने तैयार हैं? बेड की संख्या क्या है? और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता क्या है? इस सब के बारे में रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, ये मॉक ड्रिल सभी जिलों की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर होगी. इसमें आइसोलेशन बेड की क्षमता, ऑक्सीजन-सर्पोटेड बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर-सर्पोटेड बेड, डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष डॉक्टर्स, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स पर फोकस किया जाएगा.
इसके अलावा, कोरोना को लेकर मैनेजमेंट भी मजबूत किया जा रहा है. इसमें प्रोफेशनल और ट्रेंड हेल्थकेयर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटरी मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में ट्रेंड स्टाफ, पीएसए प्लांट्स के संचालन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को रखा जाएगा. बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस, टेस्टिंग उपकरण और रिएजेंट समेत अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
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