कोरोना: दिल्ली में पिछले 15 दिन में 4486 मौतें, पूरे अप्रैल में 5100 लोगों ने तोड़ा दम
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पिछले 15 दिनों में दिल्ली में कोरोना का कोहराम इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि 1 अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक दिल्ली में कोरोना वायरस की वजह से 625 लोगों की मौत हुई है. जबकि 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 4,486 लोगों की पिछले 15 दिनों में कोरोना से मौत हुई है.
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का ऐसा हाहाकार है कि हर बीतते दिन के साथ स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है. पहले तो सिर्फ संक्रमित मरीजों का आंकड़ा ही बढ़ रहा था, अब तो मौतों का ग्राफ भी डराने लगा है. दिल्ली में कई दिनों से 350 से ज्यादा लोग कोरोना की वजह से अपनी जान गवा रहे हैं. वहीं इस बीच दिल्ली सरकार द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के आंकड़े और ज्यादा हैरान करने वाले हैं. दिल्ली में कोरोना से मौत का डराने वाला आंकड़ाराजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.