कोरोना का कहर, बदल गया शव, हिंदू परिवार ने कर दिया मुस्लिम महिला का अंतिम संस्कार
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गुरुवार को राज्य की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कोरोना के खिलाफ दो महिलाएं जीवन की जंग हार गईं. मृतकों में से एक मुस्लिम थी और दूसरी हिंदू महिला थी. दोनों शवों में टैग लगाने में हुई गलती की वजह से हिंदू परिवार में मुस्लिम महिला का शव पहुंच गया जबकि मुस्लिम परिवार में हिंदू महिला का. हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी कर दिया. लेकिन जब तक उन्हें इस बात की जानकारी मिली तब तक सबकुछ समाप्त हो चुका था.
कोरोना ने पूरी ताकत के साथ एक बार फिर से देश में कोहराम मचाना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश भी कोरोना की इस लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. संक्रमण और मौत के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. न केवल आम आदमी बल्कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वाले कोरोना वॉरियर्स में भी संक्रमण को लेकर दहशत फैल गई है. (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं) गुरुवार को राज्य की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कोरोना के खिलाफ दो महिलाएं जीवन की जंग हार गईं. मृतकों में से एक मुस्लिम थी और दूसरी हिंदू महिला थी. दोनों शवों में टैग लगाने में हुई गलती की वजह से हिंदू परिवार में मुस्लिम महिला का शव पहुंच गया जबकि मुस्लिम परिवार में हिंदू महिला का. हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार भी कर दिया. लेकिन जब तक उन्हें इस बात की जानकारी मिली तब तक सबकुछ समाप्त हो चुका था. दरअसल कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना से मौत होने के बाद शव को पूरी तरह पैक कर दिया जाता है और पार्थिव शरीर के चेहरे का ढका रहना जरूरी होता है. अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक जब मृतक महिलाओं के परिजन उनका शव लेने आए तो उन्होंने टैग पर ध्यान नहीं दिया. मुस्लिम महिला को अपने परिवार (हिंदू) की महिला समझ कर साथ ले गए और हिंदू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार कर दिया. जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस लापरवाही के बाद हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर जितेन शुक्ला ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि लापरवाही के लिए दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और सुपरिटेंडेंट को ज़िम्मेदारी दी गई है कि वो यह सुनिश्चित करें कि मुस्लिम बेटे को उसकी मां की अस्थियां समय पर मिल जाएं जिससे वो उन्हें सुपुर्द-ए-खाक़ कर सके.NEET UG Result 2024 Controversy: याचिका में स्टूडेंट्स ने कई सवाल उठाए हैं जैसे- पहली रैंक पर इतनी बड़ी संख्या (67) में स्टूडेंट्स कैसे आ गए? स्टूडेंटस को 720 में से 718, 719 नंबर कैसे दिए? क्योंकि स्टूडेंट्स सारे सवाल सही करता तो 720 नंबर मिलते और एक भी गलत होता तो माइनस मार्किंग की वजह से अधिकतम 715 नंबर मिलते और एक सवाल छोड़ देता तो 716 अंक.
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