कोरोना: कंटेनर्स पहुंचाने में जुटी एयरफोर्स, बोकारो से लखनऊ रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस
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देश के कई हिस्सों में जारी ऑक्सीजन के संकट के बीच अब वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया है. वायुसेना के विमान अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन के कंटेनर्स पहुंचा रहे हैं, ताकि सप्लाई के मिशन में तेजी आ पाए.
देश इस वक्त कोरोना के महासंकट से जूझ रहा है. हर ओर बढ़ते मामलों, हो रही मौतों की खबरें आ रही हैं. इस बीच सबसे बड़ा संकट ऑक्सीजन का है, क्योंकि कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है, तो कहीं सप्लाई में परेशानी हो रही है. इस महासंकट के बीच अब वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया है. एयरफोर्स अब ऑक्सीजन कंटेनर्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में जुट गई है. भारतीय वायुसेना के दो C17 विमानों ने दो बड़े ऑक्सीजन कंटेनर्स, IL 76 ने एक खाली कंटेनर को बंगाल के पन्नागढ़ पहुंचाया. इन तीनों कंटेनर्स को ऑक्सीजन से भरा जाएगा और दिल्ली लाया जाएगा. वायुसेना की ओर से ऑक्सीजन की सप्लाई को पूरा करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह का ऑपरेशन चलाया जाएगा. 'ऑपरेशन ऑक्सीजन': ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए भारतीय वायुसेना भी मदद में जुटी, ट्रांसपोर्ट किए ऑक्सीजन कंटेनर। देखिए-@manjeetnegilive | #IndianAirForce #CoronavirusPandemic #UserGeneratedContent #Airlifted #Oxygen #COVID19 pic.twitter.com/rTZW9nInztराजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.