
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने H-1B वीज़ा धारक शिक्षकों को विदेश यात्रा रोकने की दी सलाह
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ट्रंप प्रशासन के नए आदेश के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफ़ोर्निया (USC) ने एच-1बी वीज़ा धारक शिक्षकों और कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा स्थगित करने की सलाह दी है. ट्रंप ने नई H-1B याचिकाओं पर $100,000 की फीस लगाई है, जिससे विश्वविद्यालयों और विदेशी पेशेवरों में चिंता बढ़ गई है.
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफ़ोर्निया (USC) ने एच-1बी वीज़ा धारक शिक्षकों और कर्मचारियों को एक यात्रा सलाह जारी की है, जिसमें उनसे ट्रंप प्रशासन द्वारा किए गए नीतिगत बदलावों के बाद इंटरनेशनल ट्रैवल स्थगित करने का आग्रह किया गया है.
आंतरिक रूप से प्रसारित एक बयान में, विश्वविद्यालय ने कहा, "अत्यधिक सावधानी के तौर पर, अमेरिका में वर्तमान में एच-1बी वीज़ा धारक सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को अगले दिशानिर्देश प्राप्त होने तक अंतरराष्ट्रीय यात्रा योजनाओं को स्थगित कर देना चाहिए."
एडवाइजरी में विदेश में रह रहे एच-1बी वीज़ा धारकों से भी कहा गया है कि वे राष्ट्रपति की नई घोषणा के प्रभावी होने से पहले अमेरिका लौट आएं. बयान में आगे कहा गया है, "अगर मुमकिन संभव हो, तो एच-1बी स्थिति वाले सभी संकाय और कर्मचारी जो मौजूदा वक्त में अमेरिका से बाहर हैं, उन्हें इस घोषणा के प्रभावी होने से पहले अमेरिका लौटने की पुरज़ोर सलाह दी जाती है."
यह चेतावनी एक नए इमिग्रेशन आदेश के बाद आई है, जो सीधे तौर पर अमेरिका में एच-1बी वीज़ा पर रह रहे विदेशी पेशेवरों को प्रभावित करता है.
नई H-1B याचिकाओं के लिए $100,000 फीस
19 सितंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक राष्ट्रपति घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया, जिसमें 21 सितंबर के बाद दायर की जाने वाली प्रत्येक नई H-1B याचिका पर $100,000 का शुल्क लगाया गया. इस नियम का मकसद "अमेरिकी नौकरियों की रक्षा" के लिए वीज़ा प्रणाली में सुधार करना और प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम के दुरुपयोग को कम करना है, जो करीब 12 महीने तक लागू रहेगा.

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