
केशव-नायब और अब सम्राट... OBC में बीजेपी की पहली पसंद क्यों बनता जा रहा है कोइरी समाज?
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बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी एनडीए की सरकार में बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री बने हैं. बीजेपी की ओबीसी सियासत में कोइरी समुदाय पर खास फोकस है. यूपी में केशव प्रसाद मौर्य और हरियाणा में नायब सिंह सैनी के बाद बिहार में सम्राट चौधरी की ताजपोशी के सियासी मायने समझे जा सकते हैं?
बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार बन गई है। गुरुवार को नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बीजेपी ने सत्ता की बागडोर भले ही नीतीश को सौंप दी हो, लेकिन सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया है. नीतीश कुमार ने अपनी कैबिनेट में सोशल इंजीनियरिंग का ख्याल रखा तो बीजेपी ने सोची-समझी रणनीति के तहत अपने सियासी समीकरण साधे हैं.
नीतीश मंत्रिमंडल में सीएम और डिप्टी सीएम सहित कुल 27 लोगों को जगह मिली है. बीजेपी कोटे से 15, जेडीयू से 8, एलजेपी से 2 और जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं. सत्ता के सिंहासन पर नीतीश कुमार विराजमान हैं तो बीजेपी ने सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के रूप में पिछड़ी और अगड़ी जाति के बीच संतुलन बनाए रखने का दांव चला है.
बिहार में बीजेपी ने जिस तरह से सम्राट चौधरी को दोबारा से उपमुख्यमंत्री बनाया है, उससे यह बात साफ है कि उसका ओबीसी में मुख्य फोकस कोइरी समुदाय पर है. बिहार ही नहीं, बीजेपी कोइरी समाज से आने वाले केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम बना चुकी है तो हरियाणा में नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री हैं। सवाल उठता है कि बीजेपी ओबीसी में कोइरी समाज को ही क्यों खास तवज्जो देने में जुटी है?
बीजेपी में बढ़ता सम्राट चौधरी का कद
बिहार में नीतीश कुमार कुर्मी-कोइरी समीकरण बनाकर 20 साल से सत्ता पर काबिज हैं. बिहार में यादव के बाद कुर्मी और कोइरी दो बड़ी ओबीसी जातियां हैं. सीएम नीतीश कुर्मी जाति से आते हैं जबकि सम्राट चौधरी कोइरी समुदाय से हैं. बिहार में एक बार फिर से कुर्मी-कोइरी की सियासी जोड़ी सत्ता के सिंहासन पर विराजमान है.
नीतीश कुमार 75 साल के हो गए हैं और सम्राट चौधरी की उम्र अभी 57 साल है. माना जा रहा है कि बीजेपी सम्राट चौधरी को आगे बढ़ाकर भविष्य के लिए लीडरशिप खड़ी कर रही है.

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