केरल में मंकीपॉक्स का एक और मामला आया सामने, अब तक 3 मरीजों की हुई पुष्टि
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केरल में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि राज्य में मंकीपॉक्स का यह तीसरा मामला है.
केरल में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि राज्य में मंकीपॉक्स का यह तीसरा मामला है.
केरल में 14 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जानकारी दी थी कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे केरल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसे तेज बुखार है और शरीर पर छाले हैं. उसका सैंपल ले लिया गया है और परीक्षण के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजा गया है. मंत्री ने बताया था कि जिस व्यक्ति में लक्षण दिखे हैं, वो यूएई में एक मंकीपॉक्स रोगी के निकट संपर्क में था.
चार दिन बाद ही यानी 18 जुलाई को केरल में दूसरे मामले की पुष्टि हुई थी. ये शख्स भी दुबई से लौटा था. केरल के दोनों मामलों के मरीजों का कनेक्शन विदेशों से है. इन दोनों को ही एक जैसे लक्षण दिखे थे.
मंकीपॉक्स फैलता कैसे है? - मंकीपॉक्स किसी संक्रमित जानवर के खून, उसके शरीर का पसीना या कोई और तरल पदार्थ या उसके घावों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है.
- अफ्रीका में गिलहरियों और चूहों के भी मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के सबूत मिले हैं. अधपका मांस या संक्रमित जानवर के दूसरे पशु उत्पादों के सेवन से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.