
केंद्र ने कोर्ट से कहा- पीएम केयर्स फंड धर्मार्थ ट्रस्ट है, सरकारों का इस पर नियंत्रण नहीं
The Wire
दिल्ली हाईकोर्ट ‘पीएम केयर्स फंड’ को संविधान के अनुच्छेद-12 के तहत ‘सरकारी फंड’ घोषित करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसे लेकर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया गया था. जुलाई 2022 में केंद्र की ओर से इस बारे में एक पेज का जवाब दाख़िल किया गया था, जिस पर नाराज़ होते हुए अदालत ने विस्तृत जवाब मांगा था.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि पीएम केयर्स फंड संविधान या संसदीय कानून के तहत नहीं बनाया गया है, बल्कि इसे एक स्वतंत्र पब्लिक धर्मार्थ ट्रस्ट के तौर पर स्थापित किया गया है.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत एक विस्तृत हलफनामे में केंद्र ने कहा कि सरकार – केंद्र और राज्य सरकारों समेत – का कोष के कामकाज पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है.
हलफनामे में कहा गया है, ‘ट्रस्ट के कामकाज में किसी भी तरह से केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई नियंत्रण नहीं है.’
प्रासंगिक तौर पर यह भी कहा गया कि पीएम केयर्स फंड में स्वैच्छिक दान शामिल है और इसे कोई सरकारी सहायता प्राप्त नहीं होती है और यह सरकार के बजटीय स्रोतों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बैलेंस शीट से मिलने वाले योगदान को स्वीकार नहीं करता है.
