
कूनो नेशनल पार्क से खुशखबरी... रफ्तार के सौदागर चीतों 'आशा' और 'ओबान' ने खुले जंगल में लगाई दौड़
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कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर इतिहास बना. 70 साल बाद रफ्तार के सौदागर चीतों ने पार्क के खुले जंगल में दौड़ लगाई. दो चीतों को 6 महीने की विशेष देखभाल के बाद बड़े बाड़े से खुले जंगल में रिलीज कर दिया. इसमें मादा चीता आशा भी शामिल है. इसका नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था.
देश धरती पर चीतों के इकलौते घर श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में शनिवार को एक बार फिर इतिहास बना. 70 साल बाद रफ्तार के सौदागर चीतों ने पार्क के खुले जंगल में दौड़ लगाई. 6 महीने की विशेष देखभाल के बाद जिस चीता जोड़े को बाड़े रिलीज किया गया, उसमें मादा चीता आशा भी शामिल है. इसका नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था. साथ ही नर चीता ओबान को भी खुले जंगल में आजाद किया गया है.
दोनों चीतों को चीता टास्क फोर्स समिति सदस्य आईजी एनटीसीए अमित मलिक और पीसीसीएफ वन्यजीव वन्यप्राणी जसवीर सिंह चौहान, सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा, डीएफओ कूनो पार्क प्रकाश कुमार वर्मा सहित नामीबियाई एक्सपर्ट की मौजूदगी में छोड़ा गया. इन चीतों को रिलीज करने से पहले मॉनिटरिंग टीम को अलर्ट कर दिया गया था. दो टीमें चीतों को मॉनिटर करते हुए इनके पीछे रहीं.
बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था. इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिजरा खोलकर पार्क के विशेष बाड़ों में छोड़ा था. यहां पहले इनको क्वारंटीन बाड़ों में रखा गया फिर 100 हेक्टेयर में बड़े बाड़े में छोड़ा गया. यहां चीतों ने विशेष देखरेख में शिकार आदि सीखा. अब इन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया गया है. शेष 6 नामीबियाई चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से आगामी दिनों में बड़े बाड़े से खुले जंगल में रिलीज कर दिया जाएगा.
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि टॉस्क फोर्स के सदस्यों और एक्सपर्ट की उपस्तिथि में एक नर ओबाम और मादा आशा चीता को बड़े बाड़े से खुले जंगल मे रिलीज कर दिया गया है. अन्य 6 नामीबियाई चीतों को भी जल्द ही टॉस्क फोर्स समिति और एक्सपर्ट के निर्णय के बाद जंगल में छोड़ दिया जाएगा.

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