कुत्ते की मौत, अंतिम यात्रा फिर श्राद्ध... पूर्व मंत्री ने अपने वफादार को दी विदाई तो भर आई हर आंख
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मंत्री के इस पालतू कुत्ते का नाम घरवालों ने कृष्णा रखा था. बीते दिन गुरुवार को घर के चहेते पेट डॉग कृष्णा की मृत्यु हो गई. जिसको लेकर घर वालों ने आखिरी विदाई देते हुए फूल माला पहनाकर बांस के अर्थी पर चार कंधे से कृष्णा को घर से अंतिम विदाई दी.
बिहार सरकार की पूर्व मंत्री सह पूर्णिया के रुपौली विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक बीमा भारती ने अपने वफादार कुत्ते की मौत के बाद ना सिर्फ उसकी अंतिम यात्रा निकाली, बल्कि हिन्दू रीति रिवाज से कुत्ते की श्राद्ध कर्म करने का भी फैसला लिया है. वहीं इससे जुड़ी कई तस्वीर भी सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है.
फूल माला पहनाकर आखिरी विदाई मंत्री के इस पालतू कुत्ते का नाम घरवालों ने कृष्णा रखा था. बीते दिन गुरुवार को घर के चहेते पेट डॉग कृष्णा की मृत्यु हो गई. जिसको लेकर घर वालों ने आखिरी विदाई देते हुए फूल माला पहनाकर बांस के अर्थी पर चार कंधे से कृष्णा को घर से अंतिम विदाई दी.
रोती रहीं बीमा भारती इसी दौरान पूर्व मंत्री बीमा भारती की आंखों से आंसू गिरते रहे. जबकि पति अवधेश मंडल जो इस क्षेत्र में कुख्यात है, वो भी पेट डॉग की अर्थी को कंधा देते हुए फफक कर रो रहे थे. वहीं इसे लेकर पूर्व मंत्री बीमा भारती ने अपने फेसबुक अकाउंट से भावुक पोस्ट करते हुए पेट डॉग कृष्णा को श्रद्धांजलि दी है.
19 साल साथ रहा पेट डॉग पूर्व मंत्री सह रुपौली विधायक बीमा भारती ने कहा कि कृष्णा घर का चहेता था. घर के सभी सदस्य उसे परिवार का सदस्य मानते थे. करीब 19 साल से पेट डॉग कृष्णा परिवार के सदस्यों की तरह साथ रह रहा था. कृष्णा की मौत के बाद मंत्री बीमा भारती और उनके पति अवधेश मंडल घर वालों के साथ बैठकर अपने चहेते कुत्ते का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से करने का निर्णय लिया है और उसकी अंतिम यात्रा हिंदू रीति रिवाज से बांस की अर्थी बनाकर चार कंधों पर निकाली गई.
भावुक फेसबुक पोस्ट किया शेयर पूर्व मंत्री बीमा भारती ने कृष्णा की आखिरी विदाई से जुड़ा एक भावुक फेसबुक पोस्ट भी किया है. इस इमोशनल फेसबुक पोस्ट में पूर्व मंत्री बीमा भारती ने लिखा आज हमारे घर के लाडले कृष्णा (हमारा पालतू कुत्ता) हम सभी को छोड़कर परलोक सुधार गया. 2004 में हमारे पति अवधेश मंडल उसे खरीदकर लाए थे और देखते ही देखते वह हम सभी का वफादार बन गया था.
पूर्व मंत्री ने लिखा कि उनके कृष्णा की वफादारी ऐसी थी कि उनका परिवार जहां जाता कृष्णा भी उनके साथ रहता. उन्होंने लिखा है कि जब हमारे पति के ऊपर ब्लॉक परिसर में वाद विवाद हुआ, तब इस दौरान दूसरे पक्ष के द्वारा हमारे कृष्णा को भी FIR में नामजद किया गया था. आज नम आंखों से हिन्दू रीति रिवाज के साथ कृष्णा को अंतिम विदाई दी गई है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.
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