कुंभ मेले और विधानसभा चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, कोरोना पर ध्यान देने की अपील
AajTak
याचिका में कहा गया है कि केंद्र, उत्तराखंड सरकार और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को निर्देश दिया जाए कि वे जल्द से जल्द हरिद्वार कुंभ में एकत्रित लोगों की भीड़ हटाएं और कुंभ से घर लौट रहे लोगों के लिए सुरक्षा प्रोटोकाल तय करें. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया जाए कि वे कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए किसी तरह की भीड़ को बढ़ावा नहीं देंगी.
हरिद्वार में जारी कुंभ मेले और चार राज्यों और एक केद्र शासित प्रदेश में विधानसभा के शेष चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में लोगों के भारी तादाद में जमावड़े को मुद्दा बनाते हुए सिर्फ कुंभ मेले की ही बात नहीं कही गई है, बल्कि कुछ राज्यों में हो रहे चुनावों में राजनीतिक रैलियों में भीड़ एकत्र किए जाने पर भी सवाल उठाया गया है. याचिका में निर्वाचन आयोग को कोरोना प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए जाने की मांग की गई है. नोएडा के वकील संजय पाठक ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है. याचिका में केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी और निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को तत्काल प्रभाव से हरिद्वार के कुंभ मेले में लोगों को आमंत्रित करने का विज्ञापन देने से रोका जाए.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.