
किराए के घर में रह रहे पूर्व PM ओली, नेपाल में बगावत के 10 दिन बाद पहली बार दिखे
AajTak
बता दें कि नेपाल में सितंबर 2025 में एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हुआ, Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार, सेंसरशिप और आर्थिक असमानता के खिलाफ ओली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. दबाव के बीच ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट के दबाव के बीच नौ सितंबर को केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. भ्रष्टाचार और नेपोटिज्म के विरोध में सड़कों पर उतरे जनसैलाब की आंधी में नेपाल की सरकार हवा हो गई. पद से इस्तीफा देने के 10 दिन बाद ओली पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए.
नेपाल के अपदस्थ प्रधानमंत्री ओली 10 दिनों के बाद सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए हैं. उन्हें गुरुवार को सेना के हेलिकॉप्टर से शिवपुरी सैन्य बैरक से भक्तपुर लाया गया, जहां उनके लिए एक घर किराए पर लेकर रखा गया है.
ओली आठ और नौ सितंबर के Gen-Z प्रोटेस्ट के बाद सेना के हेलिकॉप्टर से प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास से रवाना हुए थे. ओली को शिवपुरी के सैन्य बैरक में सुरक्षित रखा गया था. प्रदर्शनकारियों ने उनके काठमांडू स्थित निजी घर सहित झापा में रहे उनके पैतृक निवास और दमक में उनके घर में आगजनी कर दी थी. इस वजह से उनके लिए दूसरा किराए का घर ढूंढा गया. उन्हें सेना के हेलिकॉप्टर से पहुंचाया गया.
ओली के अपने नए किराए के घर में पहुंचने पर वहां मौजूद कुछ समर्थकों ने उनका अभिवादन किया था. बता दें कि नेपाली युवाओं ने सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के विरोध में हिंसक विरोध किया. इन प्रदर्शनों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. संसद भवन और ओली के निजी आवास सहित कई सरकारी इमारतें आग के हवाले कर दी गईं. ओली ने राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को इस्तीफा सौंपा, जिसे 10 सितंबर को स्वीकार कर लिया गया. इस्तीफे के बाद ओली और अन्य मंत्रियों ने सेना के शिवापुरी बैरक में शरण ली और उनकी लोकेशन को लेकर भी कई अफवाहें उड़ीं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






