काबुल: अमेरिकी एयरस्ट्राइक में आतंकी नहीं, मारे गए थे 10 निर्दोष लोग; रक्षा मंत्री ने मांगी माफी
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मीडिया रिपोर्ट्स में अमेरिकी दावे पर सवाल उठाए गए थे. साथ ही कहा गया था कि जिस वाहन को टारगेट किया गया था, उसका ड्राइवर लंबे वक्त तक अमेरिकी मानवीय संगठन का कर्मचारी थी. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि इस बात के सबूत नहीं हैं कि वाहन में विस्फोटक था.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमला हुआ था. इसमें 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे. आईएसआईएस-के ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. हमले के बाद अमेरिका ने भी बदला लेने के लिए ड्रोन हमला किया था. अमेरिका ने दावा किया था कि इसमें काबुल हमले का मास्टमाइंड मारा गया. लेकिन बाद में इस एयरस्ट्राइक पर सवाल उठने लगे. मीडिया रिपोट्स में दावा किया गया था कि इस हमले में निर्दोष लोग मारे गए. अब अमेरिका ने भी इसे स्वीकार कर लिया है.
भारत में लोकसभा चुनाव की वोटिंग जारी है. इसी बीच अमेरिकी कांग्रेस के स्वतंत्र रिसर्च विंग की एक रिपोर्ट में सीएए पर टिप्पणी की गई है. सीएए को मार्च में लागू किया गया जिसे लेकर इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं. रिपोर्ट में आलोचकों के हवाले से कहा गया है कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है.