कानपुरः उन्नाव पीड़िता की हालत में कोई खास सुधार नहीं, डॉक्टरों को नहीं मिला चोट का कोई निशान
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हॉस्पिटल में किसी को भी उस लड़की के पास जाने की इजाजत नहीं है. परिजनों को भी उससे मिलने से रोक दिया गया है. रीजेंसी हॉस्पिटल के पीआरओ परमजीत सिंह ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि 6 डॉक्टरों का पैनल लड़की का इलाज कर रहा है.
यूपी के उन्नाव में तीन लड़कियों में से एक जिंदा बची है. जिसे कानपुर के अस्पताल में लाया गया था. लेकिन उस लड़की की हालत में कुछ खास सुधार नहीं हो रहा है. कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल में डॉक्टरों का पैनल लड़की का इलाज कर रहा है. रात में लड़की को वेंटिलेटर पर ले जाया गया. जिससे डॉक्टरों के हाथ पांव फूल गए, लेकिन सुबह होते-होते लड़की की हालात स्थिर हो गई. हॉस्पिटल में किसी को भी उस लड़की के पास जाने की इजाजत नहीं है. परिजनों को भी उससे मिलने से रोक दिया गया है. रीजेंसी हॉस्पिटल के पीआरओ परमजीत सिंह ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि 6 डॉक्टरों का पैनल लड़की का इलाज कर रहा है. उसके शरीर में अभी तक कोई चोट का निशान नहीं मिला है. अब किसी तरह से लड़की को बचाना ही डॉक्टरों का पहला लक्ष्य है.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.