
'कस्टम और GST अधिकारियों को गिरफ्तारी का पूरा हक', सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जरूरी है प्रावधान
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सुप्रीम कोर्ट ने कस्टम और GST अधिनियमों के तहत अधिकृत अधिकारियों के गिरफ्तारी के अधिकार की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है. फैसले में कोर्ट ने माना कि प्रभावी टैक्स वसूली सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान अहम हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कस्टम एक्ट और GST एक्ट के तहत अधिकृत अधिकारियों को गिरफ्तारी का अधिकार को बरकरार रखा है. कोर्ट ने इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को गुरुवार को खारिज कर दिया. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने माना कि ये प्रावधान GST की प्रभावी उगाही और टैक्स चोरी की रोकथाम के लिए जरूरी हैं.
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि GST एक्ट संविधान के अनुच्छेद 246-ए के अंतर्गत आते हैं, और गिरफ्तारी, समन और अभियोजन की शक्तियां टैक्स की उगाही के लिए अहम हैं. कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 246-ए के तहत संसद और राज्य विधानसभा को GST से संबंधित कानून बनाने का विशेष अधिकार है.
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सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में क्या कहा?
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कस्टम अधिकारी पुलिस अधिकारी नहीं होते हैं, जैसा कि पहले भी सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है. अदालत ने यह सुनिश्चित करते हुए कि विधायी बदलावों के साथ ये प्रावधान देश के कानून के अनुरूप हैं और गैरकानूनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय शामिल हैं, कस्टम एक्ट के संशोधनों और प्रावधानों को लेकर दी गई चुनौती को भी खारिज कर दिया.
कस्टम एक्ट का हवाला देते हुए, जिसमें बेलेबल, और नॉन-बेलेबल, कॉग्निजेबल और नॉन-कॉग्निजेबल मामलों में गिरफ्तारी की वजहें स्पष्ट की गई है, अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी को उचित ठहराते समय "रीजन टू बिलीव" साफतौर से जाहिर होने चाहिए.

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