
कर्नाटक में 21 करोड़ की लूट, बदमाशों ने बैंक कर्मियों को बंधक बनाकर लूटी नकदी और सोने के आभूषण
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कर्नाटक के विजयपुरा जिले के चाडचन कस्बे में स्थित एसबीआई बैंक में मंगलवार शाम को नकाबपोश लुटेरों ने सैन्य वर्दी पहनकर बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों को बंधक लिया और करोड़ों रुपये की नकदी व सोना लूटकर फरार हो गए.
कर्नाटक के विजयपुरा जिले के चाडचन कस्बे में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की ब्रांच पर मंगलवार शाम को एक सनसनीखेज डकैती की घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. बताया जा रहा है कि नकाबपोश सशस्त्र लुटेरों ने सैन्य वर्दी पहनकर बैंक पर धावा बोला, कर्मचारियों को बंधक बनाया और 1.04 करोड़ों रुपये मूल्य की नकदी व 20KG सोने के आभूषण लूटकर फरार हो गए.घटना के बाद बैंक के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई. ये घटना विजयपुरा जिले में चार महीनों में दूसरी बड़ी बैंक लूट है.
बैंक मैनेजर तारकेश्वर ने चाडचन पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में बताया कि वे 28 अगस्त 2025 से इस शाखा के मैनेजर हैं और विजयपुरा के कनकदास कॉलोनी में रहते हैं. मंगलवार को सुबह 9:15 बजे वे ड्यूटी के लिए विजयपुरा से बस से चाडचण पहुंचे. दोपहर 2:45 बजे लंच के लिए बाहर गए और लौटकर काम में जुट गए. शाम करीब 6:20 बजे वे अपने चैंबर में बीसी सिस्टम पर काम कर रहे थे, जब प्रोबेशनरी ऑफिसर रोहित नायकड़ कुछ दस्तावेज साइन कराने आए.
अकाउंट ओपनिंग फॉर्म लेकर पहुंचा आरोपी
इसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति (उम्र 25-30 वर्ष) काले कोविड मास्क, सफेद टोपी और चश्मा पहने एक अधूरी करेंट अकाउंट ओपनिंग फॉर्म लेकर अंदर घुसा. मैनेजर ने उसे फॉर्म सही भरकर लौटने को कहा और रोहित के साथ बाहर भेज दिया.
शिकायतकर्ता ने बताया कि उधर, कैश इन-चार्ज महंतेश ने दिन के अंत की गतिविधि के लिए कहा. दोनों स्ट्रॉन्ग रूम के पास कैश और सोना चेक करने गए, तभी वही मास्कधारी पिस्तौल लहराते हुए हिंदी में धमकी देने लगा, "कैश निकालो वरना मार दूंगा."
बैंक मैनेजर के अनुसार, उसके साथ दो अन्य अज्ञात व्यक्ति भी मास्क और पिस्तौल लिए बैंक में घुस आए. उन्होंने बैंक के अन्य कर्मचारियों और ग्राहकों को धमकाकर बाथरूम में बंद कर दिया. बंदूक के भय से मैनेजर ने कैश वॉल्ट (जो पहले ही अकाउंटिंग के दौरान खुला था) और गोल्ड लॉकर खोल दिया. महंतेश ने चाबी देने से इनकार किया तो उन्हें बंदूक के भय दिखाया. बदमाशों ने मैनेजर तारकेश्वर, महंतेश, जीप ड्राइवर बसवराज निम्बार्गी, एटीएम सिक्योरिटी गार्ड राकेश (राजेंद्र सिंह के पुत्र), कर्मचारी रोहित नायकड़, धनुष्या कोडरी (सर्विस मैनेजर), तथा ग्राहक श्रीशैल (सिद्रामप्पा पावटे के पुत्र, चाडचण), चयप्पा (निंगप्पा कांबले के पुत्र, देवरणिंबर्गी), संजितसिंह (रामगोविंदसिंह के पुत्र, विजयपुरा) और नवीन (चिदानंद निंबल के पुत्र, विजयपुरा) के हाथ-पैर प्लास्टिक टैग से बांध दिए.

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