
कर्नाटकः बेटी ले सके ऑनलाइन क्लास, बारिश में छाता लेकर खड़े रहे पिता, जानिए तस्वीर के पीछे का कारण
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कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में नेटवर्क के लिए बच्चों को 10-10 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है. जिले में ही सुलिया तालुक (sullia taluk) नामक जगह है जहां के बच्चे रोजाना बलक्का (balakka) आते हैं ताकि उन्हें अच्छा नेटवर्क मिल सके और ऑनलाइन क्लास कर सकें.
कोरोना ने हम सब की जीवन शैली में बड़े स्तर पर बदलाव ला दिया है. उसी क्रम में अभिभावकों को भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी तरह के बदलाव करने पड़े हैं. बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में एक बड़ा डिजिटल गैप है. बहुत से ऐसे बच्चे हैं जिन पर ऑनलाइन क्लास लेने के लिए संसाधन नहीं हैं, अच्छे फोन या लैपटॉप नहीं हैं, और कई के पास ये उपकरण हैं भी तो उनके यहां नेटवर्क नहीं हैं. उन्हें नेटवर्क के लिए काफी दूर जाना पड़ रहा है. ऐसा ही एक दृश्य कर्नाटक राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले में देखने को मिला. जहां ऑनलाइन क्लास लेने के बीच में नेटवर्क एक बड़ी बाधा के रूप में सामने आ रहा है. नेटवर्क के लिए बच्चों को 10-10 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है. दक्षिण कन्नड़ जिले में ही ऐसी एक जगह है जिसका नाम है सुलिया तालुक (sullia taluk) जहां से बड़ी संख्या में बच्चे चलकर हर रोज बलक्का (balakka) आते हैं ताकि अच्छे नेटवर्क मिल सके और वे ऑनलाइन क्लास ले सकें. हालांकि मॉनसून के चलते अब इन बच्चों को यहां बारिश का भी सामना करना पड़ रहा है. अपने बच्चों को बिना किसी असुविधा के ऑनलाइन क्लास लेने के लिए अभिभावक भी मदद कर रहे हैं.
Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









