
कपिल सिब्बल के राज्यसभा भेजे जाने के सवाल पर आजम खान का गोलमोल जवाब, कही ये बात
AajTak
रामपुर में लोकसभा के उपचुनाव पर आजम का कहना था कि मैं उपचुनाव में कैंडिडेट नहीं रहूंगा. बाकी कोई भी रहे. मुझे कोई दिक्कत नहीं और ना ही मुझे इसकी कोई जानकारी है. मैं अपनी हदों में और डिसिप्लिन में रहना सीख गया हूं.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में गहमा गहमी का माहौल बना हुआ है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से छूटकर एक बार फिर राजनीति में सक्रिय हो गए हैं. उनके जेल से छूटने के बाद यूपी की सियासत भी गरमा गई है. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आजम का मुद्दा विधानसभा में उठाया, तो दूसरी तरफ वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को राज्यसभा के लिए पर्चा भरा.
इन सभी मामलों पर आजम खान से जब मीडिया की तरफ से सवाल किये गए तो उन्होंने काफी गोल मोल जवाब दिया. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के मुताबिक कपिल सिब्बल के मामले में उनको किसी भी तरह की खबर नहीं है.
सिब्बल के नामांकन और कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल होने की बात पर आजम खान ने कहा मुझे अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. क्या हुआ, क्या नहीं हुआ, देखिए कुछ बताने को है ही नहीं, कोई खबर ही नहीं है तो बताएं क्या.
वहीं जब उनसे पूछा गया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका मुद्दा सदन में उठाया है. तो इस पर आजम खान ने कहा इस बारे में भी मुझे कुछ जानकारी नहीं है. मैं तो अब जेल से निकला हूं. वहीं उनसे जब पूछा गया कि कपिल सिब्बल ने राज्यसभा का नामांकन किया है, क्या समाजवादी पार्टी में कोई नेता नहीं है या वो आजम के वकील हैं इसलिए मेहरबानी की गई है? ताकि आजम खान की नाराजगी दूर हो सके. इस पर आजम खा ने कहा मेरी जानकारी में नहीं है. हालांकि इससे पहले आजम खान ने कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल के राज्यसभा जाने की चर्चा पर कहा था कि देखिए, अगर समाजवादी पार्टी कपिल सिब्बल को राज्य सभा भेजने की बात कर रही है तो अच्छी बात है. वो उसके लायक हैं. अगर कपिल सिब्बल राज्यसभा भेजे जाएंगे तो सबसे ज्यादा अगर किसी को खुशी होगी तो वह मुझे होगी.ये भी पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







