
कतर ने गाजा संघर्ष विराम मध्यस्थता से खुद को किया अलग, 'गंभीर इच्छाशक्ति' की कमी बनी वजह
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कतर ने गाजा संघर्ष विराम मध्यस्थता से खुद को अलग कर लिया है. उसका कहना है कि हमास और इजरायल की ओर से 'ईमानदार इच्छाशक्ति' की कमी है. हालांकि, दोनों पक्ष गंभीर राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हैं, तो कतर फिर से मध्यस्थता में लौट सकता है.
गाजा संघर्ष विराम समझौते के लिए मध्यस्थता करने वाले प्रमुख देशों में से एक, कतर ने अब खुद को इस प्रक्रिया से अलग कर लिया है. इसके पीछे मुख्य कारण यह बताया गया है कि न तो हमास और न ही इजरायल की ओर से 'गंभीर इच्छाशक्ति' दिखाई दे रही है, जिससे वार्ता की दिशा में कोई ठोस कदम उठ सके. एक राजनयिक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा, 'कतर अब तब तक गाजा संघर्ष विराम समझौते की मध्यस्थता की कोशिशें बंद रखेगा जब तक हमास और इजरायल बातचीत की टेबल पर लौटने की ईमानदार इच्छाशक्ति नहीं दिखाते.' इसके साथ ही अधिकारी ने बताया कि कतर ने निष्कर्ष निकाला है कि दोहा में हमास के राजनीतिक कार्यालय का अब कोई उद्देश्य नहीं रह गया है.
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कतर, अमेरिका और मिस्र के साथ मिलकर कई महीनों से इस कोशिश में लगा हुआ था कि गाजा में चल रहे संघर्ष को समाप्त किया जा सके और 7 अक्टूबर, 2023 के बाद से हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों को रिहा करवाया जा सके.
हालांकि, एक अन्य अधिकारी के अनुसार, यदि दोनों पक्ष 'गंभीर राजनीतिक इच्छाशक्ति' दिखाते हैं, तो कतर की ओर से मध्यस्थता के प्रयासों को फिर से शुरू करने की संभावना है. यह जानकारी एसोसिएटेड प्रेस को दी गई है.
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