
ओवरस्पीडिंग पर ब्रेक के लिए कहीं सोशल शॉक तो कहीं अमीरी के हिसाब से लगता है जुर्माना!
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तेज रफ्तार अब सिर्फ चालान का मामला नहीं रह गया है. दुनिया के कई देशों में ओवरस्पीडिंग को रोकने के लिए जुर्माने से आगे बढ़कर ऐसी सजाएं दी जा रही हैं, जो ड्राइवर को नैतिक सीख देने पर आधारित हैं. कहीं इनकम के हिसाब से लाखों का फाइन है तो कहीं शवगृह में सेवा और कहीं सड़क किनारे शर्मिंदगी का सबक.
अगर आप भी सड़कों पर गाड़ी तेज रफ्तार में भगाते हैं तो एक बार ये जरूर सोच लें कि ओवरस्पीड का आपका ये जुनून आपके लिए, आपके परिवार के लिए और उन लोगों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है जो आपकी गाड़ी में सवार भी नहीं हैं लेकिन सड़क पर सुरक्षित घर जाने के लिए चल रहे हैं. ये केवल ट्रैफिक नियमों का नहीं, हमारे अनुशासन के लिए भी जरूरी है. इसीलिए दुनियाभर के देश इसे न केवल सजा बल्कि सामाजिक और मनौवैज्ञानिक समस्याओं के रूप में भी देखते हैं. कई देश ओवरस्पीडिंग करने वालों को सोशल शॉक से लेकर मोरल टीचिंग तक की सजाएं देते हैं और अनोखे तरीकों से ये समझाने की कोशिश करते हैं कि शख्स फिर कभी वैसी गलती न दोहराए और सड़क उसपर चलने वाले हर शख्स के लिए सेफ जगह बनती चली जाए.
हर कार या वाहन बनाने वाली कंपनी लॉन्चिंग के समय स्पीड का क्रेज भुनाती है लेकिन क्या ये जुनून वास्तव में प्रैक्टिकल है? स्पीड का ये जुनून, गति का नशा क्षणिक हो सकता है, लेकिन इसका भुगतान जीवन भर करना पड़ता है. कई बार लोग ओवरस्पीडिंग को 'टाइम सेविंग' समझते हैं लेकिन वास्तविकता में ये 'रिस्क मल्टीप्लायर' है. आपके लिए भी और सड़क पर चल रहे हर दूसरे व्यक्ति के लिए. वैसे लोगों को भी ये लापरवाही शिकार बनाती है जो उन गाड़ियों में सवार नहीं होते और सड़कों पर पैदल या साइकिल से जा रहे होते हैं, और उनके परिवारों पर भी ये आपातकालीन आफत लाती है.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक- -दुनिया में हर मिनट एक व्यक्ति की जान सड़क हादसे में जा रही है. -सड़कों पर मौतों का यह आंकड़ा भारत में और भी भयावह है. -इन सड़क हादसों में एक तिहाई मौतें या इंजरी ओवरस्पीडिंग के कारण हो रही हैं. -हर साल लगभग 11.9 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है. -सड़क हादसों से जुड़ी इंजरी बच्चों और युवा वयस्कों के लिए मौत का प्रमुख कारण हैं. -इन सड़क हादसों में अधिकतर कम और मध्यम आय वाले देशों में होती है. -भले ही हादसे यहां ज्यादा होती हैं, लेकिन इन देशों में वाहनों की संख्या काफी कम है. -हादसों के शिकार लोगों में प्रमुख हैं- पैदल यात्री, साइकिल चालक, मोटरसाइकिल चालक.
ओवरस्पीडिंग पर भारत में क्या प्रावधान...
सड़कों पर दौड़ती मौत की स्पीड को संभालने के लिए और इस संकट से निपटने के लिए तमाम देशों और शहरों में अलग-अलग नियम बनाए गए हैं. भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ओवरस्पीडिंग पर जुर्माने के साथ-साथ और भी कड़ी सजाओं का प्रावधान है. लेकिन दुनिया के कई देश और शहर ओवरस्पीडिंग को कंट्रोल करने के लिए अनोखे कदमों और सजा के तरीकों को अपना रहे हैं. इसमें कहीं सोशल शॉक तो कहीं सुधार की कोशिशों को बढ़ावा देने की कोशिशें हो रही हैं. क्योंकि,

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