
54 साल में दोस्त से दुश्मन कैसे बन गया बांग्लादेश? देखें ये रिपोर्ट
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भारत ने 1971 में बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी. भारतीय सैनिकों ने बहादुरी दिखाते हुए 13 दिन में युद्ध जीतकर दशकों तक दोस्ती की उम्मीद जगाई. लेकिन 54 वर्षों में पाकिस्तान समर्थित षड्यंत्रकारियों और राजनीतिक हलकों के कारण दोनों देशों के रिश्ते जटिल हुए. बांग्लादेश में निरंतर बढ़ते भारत विरोधी कट्टरपंथ और कई सैन्य सरकारों के शासन ने स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया. शेख मुजीब की हत्या के बाद शुरू हुए ये परिवर्तन दोनों देशों के बीच कसाव का कारण बने.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने DSSSB परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा इस परीक्षा न कराने से जो अन्याय हुआ था, उसकी भरपाई मानवता के आधार पर की जाएगी. इसके तहत हाल ही में जारी नोटिफिकेशन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. इसके बाद नियमों में बदलाव कर पुरुष और महिला अभ्यर्थियों को वन टाइम रिलैक्सेशन प्रदान किया जाएगा.

संसद के बाहर महिला सुरक्षा को लेकर हुए प्रदर्शन में महिलाओं और एक्टिविस्ट्स ने 'ऑपरेशन बेटी' चलाने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' का उदाहरण देते हुए पूछा कि बेटियों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जाते. उन्होंने अंकिता भंडारी और उन्नाव रेप केस का उल्लेख करते हुए बताया कि रसूखदार आरोपियों को आसानी से बेल मिल जाती है, जबकि पीड़ित परिवारों को न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है.

मनरेगा को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिना कैबिनेट की सहमति के मनरेगा का नाम बदल दिया गया .राहुल गांधी ने यह भी कहा कि पीएमओ ने मनरेगा का नाम बदलवाया और केंद्र सरकार राज्यों से पैसा ले रही है. इस बदलाव से गरीब वर्ग के अधिकारों को नुकसान पहुंचा है और उनकी हितों की अनदेखी की जा रही है.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में कोयलांचल के निरसा एग्यारकुण्ड में करणी सेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू संगठनों ने आक्रोश रैली निकाली. रैली एग्यारकुण्ड मोड़ से चिरकुंडा शहीद चौक तक गई, जहां बांग्लादेश के प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की.

आजतक के ख़ास कार्यक्रम 'बहस बाजीगर' में इस बार का टॉपिक है- क्या मोदी की लगातार जीत के पीछे कांग्रेस की भूमिका है? इस बार मंच पर कवियों ने राजनीति के मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए. वरिष्ठ पत्रकार जज के रूप में उपस्थित हैं. पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से कवि अपनी-अपनी टीम के साथ शामिल हुए. देखें सबसे तीखी बहस.








