एल्गार परिषद केस: गौतम नवलखा की नज़रबंदी 17 फरवरी तक बढ़ाई गई
The Wire
एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बीते 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नज़रबंद करने का आदेश दिया था.
नई दिल्ली: माओवादियों और पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई से संबंध रखने के आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की नजरबंदी की अवधि उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को 17 फरवरी तक बढ़ा दी.
जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू के उपलब्ध नहीं होने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अदालत को अवगत कराया गया कि नजरबंदी की पूरी प्रक्रिया ठीक चल रही है. नवलखा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने तर्क दिया कि सामाजिक कार्यकर्ता की बेटी विदेश में रहती है और नवलखा ने बेटी का फोन आने पर उससे बात करने की अनुमति मांगी है.
नित्या ने कहा, ‘वह अंतरराष्ट्रीय नंबर पर फोन नहीं कर सकते. मैंने सोचा कि हम एक आवेदन देंगे, लेकिन चूंकि हम यहीं हैं… मैं एनआईए को जानकारी दे दूंगी.’