
ऋषि सुनक को कॉलेज में हुआ था अक्षता से प्यार, दामाद से मिलकर ऐसा था नारायणमूर्ति का रिएक्शन!
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भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनेंगे. सुनक इससे पहले जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं. सोमवार को सर ग्राहम ब्रैडी द्वारा औपचारिक रूप से इसकी घोषणा के साथ ही भारत समेत विश्व के नेताओं ने सुनक को बधाई देना शुरू कर दिया. इसके बाद ऋषि सुनक के साथ-साथ उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति को भी इंटरनेट पर तेजी से सर्च किया जा रहा है. आइए जानते हैं अक्षता मूर्ति और ऋषि सुनक की लव स्टोरी.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद से ही ऋषि सुनक का नाम प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे था. पेनी मॉरडेन्ट द्वारा दावेदारी वापस लेने के बाद सर ग्राहम ब्रैडी ने सुनक के प्रधानमंत्री बनने की औपचारिक घोषणा की. ऋषि सुनक इंफोसिस के सह-संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के पति भी हैं. जब से ऋषि सुनक की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की खबर आई है, तभी से ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति को इंटरनेट पर काफी ज्यादा सर्च किया जा रहा है.
क्या कहा सुनक के ससुर ने इंफोसिस के सह-संस्थापक और सुनक के ससुर एन आर नारायण मूर्ति ने भी दामाद ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें सुनक पर गर्व है और वह उनकी सफलता की कामना करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि सुनक ब्रिटेन के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देंगे.
अक्षता मूर्ति एक बिजनेस फैमिली से हैं. अक्षता इंफोसिस के सह-संस्थापक और भारत के दिग्गज कारोबारी एनआर नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की इकलौती बेटी हैं. अक्षता का एक भाई भी है जिसका नाम रोहन है. रोहन भी सोरोको के संस्थापक हैं. ऋषि सुनक को ब्रिटेन में कई बार अपनी पत्नी के कारोबार और टैक्स से जुड़े विवाद पर घेरा गया लेकिन उन्होंने हर बार अपनी पत्नी और ससुराल का बचाव किया. तो आइए जानते हैं अक्षता मूर्ति के बारे में कई अहम बातें और ऋषि से उनकी पहली मुलाकात कैसे हुई.
अक्षता मूर्ति का जन्म 1980 में हुआ था. जन्म के बाद अक्षता के माता-पिता काम के सिलसिले में मुंबई शिफ्ट हो गए और अक्षता को अपने ग्रैंडपेरेंट्स के साथ रहने के लिए छोड़ दिया.
अक्षता को लिखे एक लेटर में उनके पिता ने लिखा था कि, तुम्हारी मां और मैं दोनों ही उस समय यंग थे और करियर में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहे थे. इस लेटर के बारे में "Legacy; Letters from eminent parents to their daughter" में भी लिखा गया है.
अक्षता के पिता ने इस पत्र में लिखा, 'हुबली में तुम्हारे पैदा होने के दो महीने के बाद, हम तुम्हें मुंबई ले आए लेकिन हमें जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि एक बच्चे का पालन पोषण करना और साथ-साथ करियर को मैनेज करना काफी मुश्किल काम था. तो हमने फैसला किया कि तुम अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में अपने ग्रैंडपेरेंट्स के साथ ही हुबली में रहोगी.'

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