उद्धव की कोड लैंग्वेज सीखने की ख्वाहिश, ताकि पढ़ सकें अजित पवार का दिमाग- संजय राउत
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संजय राउत ने कहा कि राज ठाकरे जब अयोध्या में कदम रखेंगे तब वे सीखेंगे कि प्रभु श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए शिवसेना ने क्या योगदान दिया. वे समझेंगे कि प्रभु राम क्यों हमारे आराध्य और गौरव हैं. राउत ने ये भी कहा कि देश के सभी नेताओं को प्रभु श्रीराम को अच्छी तरह समझने के लिए अयोध्या जाना चाहिए.
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ऐसी कोड लैंग्वेज से अच्छी तरह वाकिफ हैं जो ये पढ़ सके कि दूसरे के दिमाग और दिल में क्या चल रहा है. राउत के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी ऐसी भाषा शायद सीखना चाह रहे हों. राउत शनिवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए पुणे में थे. उनको संबोधित करने से पहले राउत ने मीडिया से बात की. राउत को इस मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस बयान का ध्यान दिलाया गया जो उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर दिया था. सीएम उद्धव ने तब कहा था कि वे सीक्रेट कोड लैंग्वेज सीखना चाहते हैं. इस पर राउत ने चुटीले अंदाज में कहा, “शायद उद्धवजी ने महसूस किया हो कि शासन के लिए किसी को ‘इंगित’ भाषा का सीखना जरूरी है जिससे कि दूसरे के दिल और दिमाग को पढ़ा जा सके."राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.