उत्तराखंड में होगा कैबिनेट विस्तार! एक महीने में तीसरी बार दिल्ली पहुंचे CM धामी
AajTak
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एक बार फिर दिल्ली पहुंच गए हैं. एक महीने में उनकी ये तीसरी दिल्ली यात्रा है. कैबिनेट छंटनी और विस्तार की चर्चाओं के बीच धामी बीजेपी आलाकमान से मिलने पहुंचे हैं. इसके अलावा राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए भी धामी पहले पीएम और गृहमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं.
उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर बीते एक महीने से चर्चाओं का दौर जारी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक बार फिर दिल्ली बुलाया गया है. मंगलवार शाम बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष की हाई प्रोफाइल कोर कमेटी की बैठक खत्म होने के बाद सीएम धामी दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. उनके साथ रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी पहुंचे हैं.
उत्तराखंड में कैबिनेट छंटनी और विस्तार को लेकर बीते एक महीने से चर्चाएं चल रही हैं. कहा जा रहा है कि सीएम धामी कुछ मंत्रियों से खुश नहीं हैं. इसके अलावा सीएम की यूसीसी को लेकर भी आलाकमान से चर्चा हो सकती है. करीब एक महीने में सीएम धामी का ये तीसरा दिल्ली दौरा है.
राज्यमंत्री दर्जा आवंटन पर भी चर्चा
ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम धामी राज्य मंत्री दर्जा दायित्व के आवंटन को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. इसको लेकर कार्यकर्ताओं में कुछ समय से नाराजगी की बात सामने आई है.
बीजेपी की स्ट्रेटजी पर भी मंथन
मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे में लोकसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्रों से फीडबैक के बाद पार्टी की स्ट्रेटजी पर भी मंथन हो सकता है. इधर बीएल संतोष के उत्तराखंड दौरे का दूसरा दिन है. वह मीडिया प्रभारियों के साथ देहरादून में 2024 की मीडिया स्ट्रेटजी तय करेंगे. ऐसी चर्चा है कि एक्टिव कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा और निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी संभव है.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.