
ईरान को सौंपे जाएंगे बंधक! रूस पहुंचे हमास डेलिगेशन का बड़ा ऐलान
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हमास प्रतिनिधिमंडल ने फिलिस्तीनी लोगों की आजादी के अधिकार को दोहराया. उन्होंने इजरायली के कब्जे को हटाने और अपने विरोध करने के अधिकार की भी वकालत की. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ इजरायली अत्याचार 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था.
हमास और इजरायल पिछले 20 दिन से युद्ध लड़ रहे हैं. इस जंग में गाजा पट्टी में 6500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, 10 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. लेकिन जंग थमने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. 7 अक्टूबर को पहला हमला हमास ने इजरायल पर किया था, इसके बाद इजरायल ने हजारों मिसाइलें और रॉकेट हमास पर दागे. इन हमलों से हमास बुरी तरह हिल चुका है. लिहाजा हमास का डेलिगेशन अब ईरान के मंत्री को लेकर रूस पहुंच गया है. रूस में हुई बैठक के बाद ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि हमास युद्ध के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने और उन्हें ईरान को सौंपने के लिए तैयार है.
मॉस्को में रूसी विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में हमास के एक प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत मिखाइल बोगदानोव और विदेश मामलों के उपमंत्री से मुलाकात की. हमास प्रतिनिधिमंडल में मॉस्को में आंदोलन के प्रतिनिधि औऱ राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य डॉ. बासेम नईम भी शामिल थे. ये अहम माीटिंग गाजा पट्टी पर इजरायली अटैक और इजरायली वॉर क्राइम को रोकने को लेकर हुई.
फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की वकालत
हमास प्रतिनिधिमंडल ने फिलिस्तीनी लोगों की आजादी के अधिकार को दोहराया. उन्होंने इजरायली के कब्जे को हटाने और अपने विरोध करने के अधिकार की भी वकालत की. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ इजरायली अत्याचार 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था. साथ ही कहा कि इजरायली सेना जिस तरह से हमला कर रही है वह किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता.
हमास बोला- अंतरराष्ट्रीय समुदाय संभाले जिम्मेदारी
हमास के प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रुख की भी सराहना की और रूसी कूटनीति की सक्रिय भूमिका को स्वीकार किया. उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजरायली सेना के नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी संभालने के महत्व पर जोर दिया.

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