
इस नए 'परमाणु हथियार' से रूस मचा देगा तबाही! अमेरिका के खुलासे से मची सनसनी
AajTak
अमेरिकी हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष माइक टर्नर ने रूस के स्पेस बेस्ड हथियार के संभावित खतरों के बारे में टिप्पणी की थी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि उपग्रहों को डिफ्यूज करने या नष्ट करने के लिए रूस द्वारा विकसित किया जा रहा यह हथियार परेशान करने वाला है.
यूक्रेन से युद्ध लड़ रहे रूस को लेकर अमेरिका ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस ने कहा है कि रूस अंतरिक्ष में उपग्रह को टारगेट करने के लिए हथियार विकसित कर रहा है. रूस द्वारा विकसित किया जा रहा यह हथियार परेशान करने वाला है.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा है कि अमेरिका, रूस की इस गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहा है. किर्बी ने आगे कहा कि उपग्रहों को डिफ्यूज करने या नष्ट करने के लिए रूस द्वारा विकसित किया जा रहा यह हथियार परेशान करने वाला है. अमेरिका इसे गंभीरता से ले रहा है. स्पेस बेस्ड यह हथियार अभी विकसित ही किया जा रहा है. इस हथियार को अभी तैनात नहीं किया गया है. इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से अभी किसी के लिए तत्काल खतरा नहीं है.
आउटर स्पेस ट्रीटी का उल्लंघनः अमेरिका
कई रिपोर्टों में यह दावा किया गया था कि रूस द्वारा विकसित किया जा रहा हथियार संभवतः परमाणु हथियार है. जॉन किर्बी ने उन रिपोर्टों की पुष्टि या खंडन किए बिना कहा कि यह हथियार स्पेस बेस्ड यानी अंतरिक्ष आधारित हथियार है. रूस ने 1967 की आउटर स्पेस ट्रीटी यानी बाहरी अंतरिक्ष संधि का उल्लंघन किया है. यह संधि किसी भी तरह के परमाणु हथियार या अन्य खतरनाक हथियार की अंतरिक्ष में तैनाती पर रोक लगाती है. इस संधि पर दुनिया के 130 देश से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किए हैं.
आउटर स्पेस ट्रीटी ऑफ 1967 कहता है कि चंद्रमा या स्पेस के किसी भी हिस्से पर किसी व्यक्ति या देश का अधिकार नहीं है.
इससे पहले अमेरिकी हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष माइक टर्नर ने रूस के स्पेस बेस्ड हथियार से संभावित खतरों के बारे में टिप्पणी की थी. इसके अलावा व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलविन संभावित खतरों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को दोनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं से मिलने गए थे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






