
इस देश ने भारतीय चाय और चावल को किया था बैन, अब भारत सरकार ने मांगा जवाब
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ईरान भारतीय चाय और चावल के लिए एक बड़ा बाजार है. ऐसे में ईरान की ओर से अचानक भारतीय चाय और चावल के आयात पर रोक से भारत हैरान है. भारत ने ईरान में राजदूत से पूछा है कि वो बताएं कि ईरानी खरीददारों ने भारत से चावल और चाय खरीदना क्यों बंद कर दिया है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
कुछ दिनों पहले ही ईरान ने अचानक से भारतीय चाय और चावल का आयात बंद कर दिया था. अब भारत सरकार ने ईरान की राजधानी तेहरान में राजदूत से पूछा है कि वो इस बात से हमें अवगत कराएं कि ईरानी खरीददारों ने भारत से चावल और चाय का आयात क्यों बंद कर दिया है. बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के अनुसार, यह जानकारी एक उच्च सरकारी अधिकारी ने दी है. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
बिजनेस वेबसाइट मिंट के अनुसार, पिछले सप्ताह दो सरकारी अधिकारियों ने इस बात से अवगत कराया था कि भारत की ओर से ईरान से कुछ फलों के आयात पर रोक लगाने के बाद संभवतः ईरान ने बदले की भावना से अचानक भारतीय चाय और चावल का आयात बंद कर दिया है. अधिकारियों ने कहा था कि ईरान के इस निर्णय से हम हैरान हैं क्योंकि ईरान भारतीय चाय और चावल के लिए एक बड़ा बाजार है.
अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ईरान की ओर से भारतीय चावल और चाय को रोकना एक समान्य घटना नहीं है, क्योंकि भारतीय चावल अन्य देशों से आने वाले चावल की तुलना में बहुत ही सस्ता है. इसलिए ईरान की ओर से लिए गए इस निर्णय का गहरा राजनीतिक प्रभाव है.
भारत ने मांगा जवाब बिजनेस स्टैंडर्ड ने लिखा है कि भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि वाणिज्य विभाग ने कृषि मंत्रालय के साथ-साथ ईरान की राजधानी तेहरान में राजनयिक से आग्रह किया है कि वो इस बात से भारत को अवगत कराएं कि भारतीय चावल और चाय को ईरानी खरीददारों ने खरीदना क्यों बंद कर दिया है.
ईरान में भारतीय चाय की भारी मांग भारतीय निर्यातकों ने कहा है कि यह एक चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि भारत बड़ी मात्रा में ईरान को उच्च गुणवत्ता वाली ऑर्थोडॉक्स चाय का निर्यात करता रहा है. उनका कहना है कि ईरानी बाजार में भारतीय चाय की भारी मांग है और ईरान को सबसे ज्यादा असम ऑर्थोडॉक्स चाय भेजा जाता है.
इंडियन टी एसोसिएशन के सचिव सुजीत पात्रा ने कहा कि हमने वाणिज्य मंत्रालय, व्यापार विदेश महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) और तेहरान में भारतीय दूतावास के सामने यह बात रखी है. सुजीत पात्रा ने कहा कि हम यह समझना चाहते हैं कि ईरान ने अचानक से भारतीय चाय और चावल का आयात क्यों बंद कर दिया.

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