
इराक के कर्बला में क्यों जमा हुए करोड़ों मुसलमान?
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इराक के कर्बला में करोड़ों शिया मुसलमान जमा हुए हैं. ये मुसलमान चेहल्लुम के मौके पर कर्बला में जमा होकर फिलिस्तीनी झंडा लहराते दिखे. उनका कहना था कि दुनिया के शिया मुसलमान इजरायली हमले के खिलाफ फिलिस्तीनियों के साथ खड़े हैं.
इराक के कर्बला में इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले चेहल्लुम पर इस साल 2.1 करोड़ शिया मुसलमान पहुंचे. चेहल्लुम दुनिया की सबसे बड़े धार्मिक सभाओं में से एक है जिसमें शिया मुसलमान हिस्सा लेते हैं. इराक और ईरान में शिया मुसलमान बहुसंख्यक हैं. करोड़ों की संख्या में शिया मुसलमानों ने रविवार को कर्बला में जमा होकर गाजा के लिए अपना समर्थन भी दिखाया है.
चेहल्लुम को अरबीन (Aebaeen) भी कहा जाता है जिसका अरबी में अर्थ है चालीस. चेहल्लुम हर साल पैगंबर मोहम्मद के पोते और शिया इस्लाम के संस्थापक इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की शहादत के 40वें दिन पर मनाया जाता है.
कर्बला में हुसैन और उनके भाई अब्बास को एक-दूसरे के सामने दो विशाल मकबरों में दफनाया गया है और इसलिए यह जगह शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र जगहों में से एक मानी जाती है.
शिया मुसलमान कर्बला में जमा होकर हुसैन की याद में खुद को पीड़ा देते हैं, रोते-बिलखते हुए उन्हें याद करते हैं. 680 में उमय्यद खलीफा यजीद के साथ कर्बला में लड़ाई में हुसैन मारे गए थे.
समाचार एजेंसी एएफपी के फोटोग्राफरों ने बताया कि इस साल के आयोजन में शिया मुसलमान कर्बला में फिलिस्तीनी झंडों को बड़ी संख्या में लहरा रहे हैं. गाजा में रह रहे फिलिस्तीनी फिलहाल इजरायली हमले झेल रहे हैं जिनके समर्थन में शिया मुसलमान फिलिस्तीनी झंडे लहरा रहे हैं.
कितने शिया मुसलमान पहुंचे कर्बला

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