इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने DGGI को किया 54 करोड़ का भुगतान, 143 करोड़ अभी भी बाकी
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कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush jain) के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 430 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. DRI पीयूष के कन्नौज के घर से मिले 23 किलो सोने के मामले की जांच कर रही है.
इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) ने आखिरकार DGGI को टैक्स के रूप में 54 करोड़ का भुगतान कर दिया है. जानकारी के मुताबिक परफ्यूम और कंपाउंड कारोबारी पीयूष जैन ने सेल्फ असेसमेंट के बाद डीजीजीआई की अहमदाबाद इकाई के खाते में 54 करोड़ रुपए जमा किए हैं.
डीजीजीआई के वकील अंबरीश जैन ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बैंक में बनी एफडी से यह राशि सरकारी खजाने में जमा करा दी गई है. पीयूष के वकीलों ने स्लीपिंग केस में दायर जमानत अर्जी के जवाब में कोर्ट में यह जानकारी दी. ऐसे में अब सरकारी खजाने में 54 करोड़ रुपये जमा करने के बाद एफडी के मद में 143 करोड़ रुपये बचे हैं.
जिला जज की अदालत में दाखिल जवाब में पीयूष के वकीलों ने कहा कि 54 करोड़ रुपये सेल्फ असेसमेंट के बाद जमा करा दिए गए हैं. हाल ही में पीयूष के वकीलों ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि उन्हें 35 करोड़ रुपए जीएसटी और जुर्माने के रूप में सरकारी खजाने में जमा करने की अनुमति दी जाए. लेकिन कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया. इस मामले में डीजीजीआई ने कहा था कि अंतिम आकलन के लिए जांच जारी है. बता दें कि पीयूष जैन कन्नौज का वही कारोबारी है जिसके ठिकानों पर पिछले साल दिसंबर में छापे पड़े थे. इसमें करीब 196 करोड़ रुपये कैश मिला था. छापेमारी में ही 23 किलो सोने के बिस्कुट भी मिले थे.
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में कानपुर और कन्नौज में पीयूष जैन के ठिकानों पर छापे पड़े थे. वहां से 23 किलो सोने के बिस्कुट मिले थे. इसके अलावा कानपुर वाले घर से 177 करोड़ रुपये मिले थे. वहीं कन्नौज वाले घर से 19 करोड़ की बरामदगी हुई थी.
सोना-कैश छिपाने के लिए बनाए थे बंकर
जो 23 किलो सोना मिला था उसपर विदेशी मार्क था. DRI ने कोर्ट को बताया है कि पूछताछ में पीयूष जैन ने माना है कि उसने वह सोना बिना बिल या कागजात के खरीदा था. ये सोने के बिस्कुट कैश देकर बिना कोई टैक्स दिये खरीदे गए थे. DRI के वकील अंबरीश टंडन ने बताया कि पीयूष जैन ने 10-12 साल पहले अपने घर पर बंकर बनवाये थे ताकि पैसा और गोल्ड उनमें छिपा सके.
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