
आतंकवाद का 'पापा', क्रूरता का दूसरा नाम... पाक आर्मी के सबसे विवादित जनरल की कहानी
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जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तानी सेना के नए प्रमुख होंगे. उन्हें इमरान खान का दुश्मन माना जाता है. सेना प्रमुख होने का मतलब है कि सेना के साथ-साथ वहां की सियासत और सरकार पर भी पकड़. पाकिस्तान के इतिहास में अब तक कई सेना प्रमुख रहे हैं, लेकिन एक ऐसा भी था जो अभी तक चर्चा में रहता है. उसका नाम था जनरल जिया उल-हक.
पाकिस्तान में सेना प्रमुख बनने का मतलब है कि आपके हाथ में न सिर्फ सैन्य शक्ति आ गई है, बल्कि सियासत और सरकार में भी आपकी पकड़ हो गई है. पाकिस्तान का इतिहास बताता है कि सरकार चलानी है तो आर्मी की सुननी होगी और नहीं सुनी तो फिर तख्तापलट के लिए तैयार रहिए.
वहां सेना की कितनी चलती है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान को बने 10 साल ही हुए थे और वहां सेना ने तख्तापलट कर दिया था. पाकिस्तान में पहला तख्तापलट 7 अक्टूबर 1958 को जनरल अयूब खान ने किया और मार्शल लॉ लगा दिया.
पाकिस्तान में अब फिर से नए आर्मी चीफ की नियुक्ति हुई है. उनका नाम जनरल आसिम मुनीर है. आसिम मुनीर पहले आईएसआई प्रमुख थे. उन्हें इमरान खान का दुश्मन और जनरल कमर जावेद बाजवा का करीबी माना जाता है. जनरल बाजवा दो दिन पहले ही रिटायर हुए हैं. अब नए सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का दखल सरकार में कितना होता है, ये तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन पाकिस्तान के इतिहास में एक ऐसा सेना प्रमुख भी हुआ है, जिसे अगर आतंकवाद का 'पापा' कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा.
उसका नाम था जनरल जिया उल-हक
1924 के अगस्त में 12 तारीख को जिया उल-हक पैदा हुए. जगह थी जालंधर. दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज और बाद में देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकादमी में पढ़ाई की. फिर बंटवारा हुआ और परिवार चला गया पाकिस्तान.
1970 के दशक में जॉर्डन में गृह युद्ध छिड़ गया. इस युद्ध में पाकिस्तान भी गया. पाकिस्तानी सेना की कमान संभाली जिया उल-हक ने. इससे जिया उल-हक का कद बढ़ गया.

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