'आज का युग युद्ध का नहीं है', फ्रांस के बाद अब अमेरिका ने पीएम मोदी के इस बयान की तारीफ की
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अमेरिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान की तारीफ करता नहीं थक रहा है. दरअसल पिछले दिनों एससीओ समिट के बाद मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन संघर्ष को लेकर पुतिन से कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है. युद्ध को जल्द से जल्द खत्म कर मसले को वार्ता के जरिए सुलझाइए. पीएम के इस बयान की अमेरिका लगातार तारीफ कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एससीओ समिट के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन संघर्ष को लेकर कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है. पीएम मोदी के इस बयान की अब अमेरिका जमकर तारीफ कर रहा है.
इंडो-पैसिफिक सिक्योरिटी अफेयर्स के सहायक रक्षा सचिव डॉ एली रैटनर ने एक वर्चुअल राउंड टेबल के दौरान थिंक-टैंक विशेषज्ञों के एक समूह को बताया, "हम पिछले हफ्ते कई गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों से खुश थे."
रैटनर ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन संघर्ष का तेजी से शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है और इस मुद्दे से लगातार जुड़ा हुआ है.
इनसे पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी व्हाइट हाउस समाचार सम्मेलन में मीडिया से कहा था कि प्रधानमंत्री ने जो कहा वह एक सैद्धांतिक बयान था, जिसे वह सही मानते हैं. अमेरिका भारत के इस बयान का स्वागत करता है.
पीएम मोदी ने सही कहा, यह युद्ध का समय नहीं : मैक्रों
21 सितंबर को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में कहा था,‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है. यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है. यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें, उनकी यह बात एकदम सही बात थी.’
यूरोपियन संसद के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों ने उम्मीद से कहीं शानदार प्रदर्शन किया. यहां तक कि यूरोपियन पार्लियामेंट में खुद को हारता देख फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपनी संसद ही भंग कर दी. कुल मिलाकर, ईयू का ये इलेक्शन बड़े उलटफेर लेकर आएगा. समझिए, यूरोपियन पार्लियामेंट अपने सदस्य देशों की संसद से कैसे अलग है.