आज का दिन: पहले महबूबा, अब अब्दुल्ला परिवार की नजरबंदी की क्या है वजह?
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जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं की एक बार फिर हो रही इस नज़रबन्दी को किस तरह देखा जाए? पहले महबूबा और अब अब्दुल्ला परिवार की नज़रबन्दी की क्या वजहें हैं?
दो दिन पहले की बात है, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक के इर्द-गिर्द लोकसभा में बहस हो रही थी. जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार के काम को गिनाते हुए अमित शाह ने कहा कि जितना काम पूर्व की सरकारों ने किया है, उतना काम हमने 17 महीनों में कर दिया। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में परंपराए बदल रही है और पहले यहां सिर्फ तीन परिवारों के लोग राज करते थे, अब यहां के सामान्य लोग शासन करेंगे. बहरहाल, ये तो हुई सरकार की बात , लेकिन इसी के बरक्स प्रदेश से दूसरी खबर आई. नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें और उनके पिता फारूक को अधिकारियों ने नजरबंद कर दिया है। इससे पहले पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी ऐसा ही दावा किया था। आपको याद होगा 5 अगस्त 2019 को धारा 370 के कई प्रावधानों को हटाए जाने के बाद लम्बे समय के लिए ये नेता नज़रबंद रहे थे. अभी 2 दिन पहले ही ट्विटर पर मेहबूबा मुफ़्ती ने एक वीडियो अपलोड किया था जिसमे वो वहां मौजूद सिक्योरिटी से उनको नज़रबंद करने की वजह पूछ रहीं थी.केंद्रीय गृह मंत्रालय आने वाले समय में एनएसजी और आईटीबीपी के सुरक्षा ड्यूटी में बड़े बदलाव कर सकता है. ऐसे दर्जनों लोग हैं, जिन्हें एनएसजी और आईटीबीपी सुरक्षा मुहैया कराती है. इनके अलावा ब्लैक कैट कमांडो को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह मुक्त किए जाने की मांग लंबे समय से पेंडिंग है, जिसे आने वाले समय में अप्रूवल मिलने की उम्मीद है.
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