
आखिर कब होगा दिल्ली के बाजारों का रिडेवलपमेंट? कारोबारी कर रहे हैं इंतजार
AajTak
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने साल 2022 में दिल्ली के छह प्रमुख बाजारों के रिडेवलपमेंट करने के प्लान का बजट में ऐलान किया था. तबसे एक साल से अधिक समय बीत गया है, लेकिन दिल्ली सरकार का यह प्रोजेक्ट अधर में लटकता दिखाई दे रहा है.
इसी साल दिल्ली सरकार ने बजट में दिल्ली के 6 बड़े बाजारों का विकास करने के लिए ऐलान किया था. सरकार ने व्यापारियों से 200 करोड रुपये लगाकर इन बाजारों को बेहतर बनाने का वादा किया था, लेकिन एक साल से भी ज्यादा वक्त होने के बाद अभी तक बाजारों की रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट अधर में लटकता नजर आ रहा है.
साल 2022 में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली के 6 प्रमुख बाजारों जिनमें कीर्ति नगर, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, कमला नगर, खारी बावली और गांधी नगर मार्केट रिडेवलप करने का प्लान बजट में ऐलान किया था.
कारोबारियों का क्या कहना है?
खारी बावली किराना मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष नंदलाल बंसल के मुताबिक एक साल पहले जब सरकारी प्रोजेक्ट को लेकर की आई थी तब व्यापारियों में काफी खुशी थी क्योंकि दिल्ली के बाजारों से व्यापार लगातार कम हो रहा है. लोग यहां की खस्ता हालत के चलते आने से बच रहे हैं. इस मार्केट के पुनर्विकास होने से यहां ग्राहक काफी अधिक संख्या में आएंगे, लेकिन एक साल बाद भी इस प्रोजेक्ट पर एक फाइल आगे नहीं बढ़ पाई.
सरोजिनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा के मुताबिक, सरकार का रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट सिर्फ कागज में था और लगता है कागजों में ही सीमित रह गया. चुनाव से पहले सरकार ने हमसे वोट लेने के लिए मार्केट के रिडेवलपमेंट का सपना दिखाया और अब चुनाव हो गया तो सभी डेवलपमेंट भूल गए. सरकार ना तो कोई मीटिंग बुला रही है ना अधिकारी व्यापारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
बीजेपी ने साधा निशाना

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










