
अहमद मसूद की अगुवाई में तालिबान को चुनौती दे रहा पंजशीर, पिता ने भी तालिबान-रूसी सेना को खदेड़ा था
AajTak
एक तरफ जहां तालिबान पंजशीर (Panjshir) पर कब्जे का प्लान बना रहा है, वहीं नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने कई मोर्चों पर उसे मात दी है. दावा है कि करीब 300 तालिबानियों को इस दौरान मारा जा चुका है. अहमद मसूद ने भी साफ कर दिया है कि अगर तालिबान इस तरह कब्जा करना चाहता है, तो उसके लिए काफी मुश्किल होगा.
तालिबान (Taliban) ने पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है, लेकिन पंजशीर पर वो अभी तक फतह नहीं पा सका है. इसकी सबसे बड़ी वजह एक ही शख्स है, जिनका नाम अहमद मसूद (Ahmad Massoud) है. अहमद मसूद की अगुवाई में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाके तालिबान को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, यहां तक की कई मोर्चों पर तालिबान पर भारी भी पड़ रहे हैं. एक तरफ जहां तालिबान पंजशीर (Panjshir) पर कब्जे का प्लान बना रहा है, वहीं नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने कई मोर्चों पर उसे मात दी है. दावा है कि करीब 300 तालिबानियों को इस दौरान मारा जा चुका है. अहमद मसूद ने भी साफ कर दिया है कि अगर तालिबान इस तरह कब्जा करना चाहता है, तो उसके लिए काफी मुश्किल होगा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स को अहमद मसूद ने बताया कि हम अफगानिस्तान में स्थिर सरकार चाहते हैं, तालिबान को बातचीत करनी चाहिए और ऐसी सरकार बनानी चाहिए जिसमें हर किसी की भागेदारी हो. लेकिन, इसी के साथ उन्होंने साफ किया कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर तालिबान ने हमला किया तो वो जवाब के लिए तैयार रहे. वो लोग पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पाएंगे. ‘पंजशीर के शेर’ के बेटे हैं अहमद मसूद नॉर्दर्न एलायंस के प्रमुख अहमद मसूद “पंजशीर के शेर” कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे हैं. 2001 से पहले जबतक अमेरिका की अफगानिस्तान में एंट्री नहीं हुई थी, उससे पहले भी यहां पर तालिबान की सरकार थी. अहमद शाह मसूद ने ही तालिबान और रूसी सेना को अपने लड़ाकों के दम पर खदेड़ दिया था. पहले एक गुरिल्ला सैनिक की तरह उन्होंने अपने लोगों के साथ सोवियत सेना का मुकाबला शुरू किया और जगह-जगह उन्हें चुनौती थी. बाद में सोवियत सेना के जाने के बाद जब तालिबान की सरकार बनी, तब काबुल के उत्तर में मौजूद पंजशीर में अहमद शाह मसूद ने चंद लड़ाकों के साथ 90 के दशक में तालिबानियों का मुकाबला करना शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने बड़ी संख्या में अपने लोगों को इकट्ठा किया, नॉर्दर्न एलायंस के साथ कुछ अन्य गुट भी आए जो तालिबान से निजात पाना चाहते थे. रूसी सेना-तालिबान ने कई बार पंजशीर में घुसने की कोशिश की, लेकिन करीब 9 बार उन्हें अहमद शाह मसूद से मात खानी पड़ी. साल 2001 में अलकायदा के आतंकियों ने अहमद शाह मसूद की हत्या कर दी थी. पत्रकारों के भेष में आए आतंकियों ने इंटरव्यू के दौरान खुद को बम से उड़ा दिया था, अहमद मसूद शाह इसमें घायल हुए और कुछ देर में उन्होंने दम तोड़ दिया था.
आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







