
'अहंकारी था राहुल गांधी का रवैया...', पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, राहत नहीं देने की मांग
AajTak
सूरत के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट में 21 पेज का हलफनामा दाखिल किया है. उन्होंने कहा कि भाषण में और अदालत में दिख रहा है कि राहुल गांधी का रवैया "अहंकारी",था. राहुल ने इस मामले मे माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था. यही नहीं राहुल गांधी का "आपराधिक इतिहास" है.
मोदी सरनेम विवाद के याचिकाकर्ता सूरत के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट में 21 पेज का हलफनामा दाखिल किया है. पूर्णेश मोदी ने अपने हलफनामे में लिखा है कि राहुल गांधी के भाषण की वीडियोग्राफी की गई थी. दलीलों के साथ सभी सबूत अदालत में पेश भी किए गए थे. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को निचली अदालत से पारित आदेश को बदलने की जरूरत नहीं है. क्योंकि फैसला मजबूत तर्कों के साथ दिया गया है. हाईकोर्ट का फैसला भी न्याय के ठोस सिद्धांतों पर आधारित है. सत्र अदालत से राहुल गांधी की दोषसिद्धि को निलंबित करने से इनकार करने का आदेश भी कानून के अनुसार है.
हलफनामे दी ये दलीलें पूर्णेश मोदी ने कहा कि इन आधारों के अलावा भाषण में और अदालत में दिख रहा है कि राहुल गांधी का रवैया "अहंकारी",था. राहुल ने इस मामले मे माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था. यही नहीं राहुल गांधी का "आपराधिक इतिहास" है, उनके खिलाफ ऐसे ही कई मामले लंबित हैं. पूर्णेश मोदी ने अपने हलफनामे में इन दलीलों के आधार पर गुहार लगाई गई है कि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट कोई राहत ना दे. राहुल गांधी की एसएलपी अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी की अर्जी भारी भरकम जुर्माने के साथ ख़ारिज करने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की है.
बड़े वर्ग के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पूर्णेश मोदी के हलफनामे में कहा गया है कि राहुल ने "दुर्भावनापूर्ण और लापरवाही से एक बड़े वर्ग के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. हलफनामे के मुताबिक यह बयान देश के एक निर्वाचित प्रधान मंत्री के प्रति व्यक्तिगत नफरत से दिया गया था, और नफरत की सीमा इतनी अधिक थी कि याचिकाकर्ता को उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने पर मजबूर होना पडा. क्ंयोकि मेरा उपनाम संयोग से प्रधान मंत्री जैसा ही था.
भाषण के समय एक राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल के अध्यक्ष के रूप में, राहुल गांधी से देश में राजनीतिक बयान के उच्च मानक कायम रखने की अपेक्षा थी. हलफनामे में कहा गया है कि पूरे एक वर्ग के लोगों को सिर्फ इसलिए चोर करार देने का कोई कारण नहीं है क्योंकि उनका उपनाम प्रधानमंत्री के समान है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 4 अगस्त को सुनवाई करेगा.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










