अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर 2.8 लाख ठगे, एम्स का फरार लैब असिस्टेंट बहन के साथ गिरफ्तार
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कोरोना संक्रमित को अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर एम्स के लैब असिस्टेंट ने 5 लाख रुपये की डिमांड की थी. 2.80 लाख एडवांस लेने के बाद वो फरार हो गया था. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को उसे और उसकी बहन को गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों से पैसे ठगने वाले भाई-बहन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि उन्होंने मरीज के परिजनों से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर 5 लाख रुपये की डिमांड की थी. लेकिन 2.80 लाख रुपये एडवांस लेने के बाद फरार हो गए थे. दोनों भाई-बहन हिमाचल के मंडी में जाकर छिप गए थे. जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने वहां पहुंचकर दोनों को गिरफ्तार किया. दिल्ली पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि एम्स के लैब असिस्टेंट और उसकी बहन ने मिलकर कोरोना मरीज के तीमारदार से 2 लाख 80 हजार रुपये सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर ले लिए. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी लैब असिस्टेंट पंकज कुमार और उसकी बहन कंवलप्रीत कौर को गिरफ्तार किया है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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