अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हो सकते हैं बाहर, अब इन 4 नामों की चर्चा
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राजस्थान के ताजा सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस हाईकमान बड़ा फैसला ले सकता है. इसकी संभावना बढ़ती जा रही है. खबर है कि अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं.
राजस्थान के ताजा सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस हाईकमान बड़ा फैसला ले सकता है. इसकी संभावना बढ़ती जा रही है. खबर है कि अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं. सोमवार को दिल्ली में 10 जनपथ पर बैठक शुरू होने से पहले ही बड़ी जानकारी सामने आ रही है. केरल से लेकर जयपुर तक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक सुर में देखे जा रहे हैं.
कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि 'वह (गहलोत) कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हैं. अन्य नेता भी बाहर होंगे, जो 30 सितंबर से पहले नामांकन दाखिल करेंगे. अब मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल अध्यक्ष पद की रेस में चल रहे हैं. सीडब्ल्यूसी सदस्य और पार्टी के एक नेता ने ये भी कहा कि गहलोत ने जिस तरह का व्यवहार किया वह पार्टी नेतृत्व के साथ अच्छा नहीं रहा. सीनियर लीडरशिप की परेशानी बढ़ाई है.
कांग्रेस के सीनियर लीडर्स के बीच बैठक
राजस्थान के घटनाक्रम के बाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने दिल्ली में सीनियर नेताओं को तलब किया है. इन नेताओं के साथ राजस्थान के घटनाक्रम समेत अध्यक्ष पद के चुनाव पर चर्चा होने की संभावना है. कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल दस जनपथ पहुंच गए हैं. राजस्थान के पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे भी मीटिंग में शामिल हुए हैं. राजस्थान कांग्रेस के सीनियर नेता रामेश्वर डूडी भी दस जनपथ आए हैं. एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को भी दिल्ली बुलाया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: 30 सितंबर को तस्वीर साफ हो जाएगी
कांग्रेस नेता के मुरलीधरन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर 30 सितंबर को ही तस्वीर साफ हो जाएगी. उसी दिन पता चल पाएगा कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में कौन लोग लड़ रहे हैं. 29 सितंबर की दोपहर भारत जोड़ो यात्रा केरल में संपन्न होगी. सभी नेताओं से चर्चा चल रही है. कोई निष्कर्ष नहीं निकला है और तीन दिन के भीतर सभी मामलों का निपटारा कर दिया जाएगा. नेहरू परिवार अध्यक्ष चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करेगा. सोनिया मैडम और राहुल जी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं. जहां तक राजस्थान के मामले की बात है तो एक-दो दिन में इसे सुलझा लिया जाएगा. वहीं, शशि थरूर ने पहले ही घोषणा कर दी थी, लेकिन तीन दिनों के भीतर कुछ अन्य लोग भी नामांकन दाखिल करेंगे और 30 सितंबर तक हमें एक स्पष्ट तस्वीर मिल जाएगी.
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