
अलास्का में मिलेंगे पुतिन और ट्रंप... क्या फिर हो सकती है रूस-अमेरिका के बीच बड़ी रियल एस्टेट डील?
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की घोषणा की. यह चार साल में पहली अमेरिका-रूस राष्ट्रपति बैठक होगी. ऐतिहासिक तारीख और स्थान चुनने के पीछे गहरी राजनीतिक रणनीति है. चर्चा रूस-यूक्रेन युद्ध के अंत की संभावना पर केंद्रित होगी, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी शर्तों पर शांति चाहते हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बहु-प्रतीक्षित मुलाकात की तारीख और स्थान का ऐलान किया है. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि यह बैठक शुक्रवार, 15 अगस्त को अलास्का में होगी.
ट्रंप-पुतिन राष्ट्रपति शिखर वार्ता की योजना पिछले कुछ दिनों से बन रही थी, जब से ट्रंप ने दुनिया को चौंकाते हुए कहा कि वह अपने रूसी समकक्ष से "जितनी जल्दी हो सके" मुलाकात करेंगे. पिछले दिनों, ट्रंप ने पुतिन को बातचीत की मेज पर लाने के लिए कोशिशें तेज कर दीं - इसमें भारत, जो रूस का सबसे बड़ा तेल ग्राहक है, पर रूसी तेल खरीदने के लिए ऊंचे टैरिफ लगाना और यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की बिक्री बढ़ाना शामिल है.
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अलास्का चार साल बाद पहली बार किसी अमेरिकी और रूसी राष्ट्रपति की मेजबानी करेगा. यह शिखर सम्मेलन शायद यूरोप के दूसरे विश्व युद्ध के बाद से चले आ रहे सबसे लंबे संघर्ष - रूस-यूक्रेन युद्ध के अंत की शुरुआत साबित हो सकता है. लेकिन, इस बैठक की तारीख और स्थान दोनों ही बेहद अहम हैं और आने वाले समय के संकेत भी देते हैं.
स्थान का महत्व: अलास्का की कहानी
जैसा कि रियल एस्टेट में कहा जाता है, "लोकेशन, लोकेशन, लोकेशन." अलास्का 1867 तक रूसी साम्राज्य का हिस्सा था. उस साल, क्राइमियन युद्ध से जले हुए और इस डर से कि ब्रिटेन साम्राज्य के पूर्वी छोर पर कब्जा कर सकता है (उस समय ब्रिटेन ऐसा कर सकता था), जार अलेक्ज़ेंडर द्वितीय ने इसे अमेरिका को 72 लाख डॉलर में बेच दिया - आज की मुद्रा में यह 10 अरब डॉलर से ज्यादा है. 19वीं सदी के सबसे बड़े रियल एस्टेट सौदों में से एक यह इलाका सोने समेत प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है और अमेरिका के कुल आकार का लगभग पांचवां हिस्सा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

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कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







