
अरावली की घाटियों में अवैध माइनिंग, हरियाणा साउथ में 2 साल में 2400 डंपर जब्त, करोड़ों का जुर्माना वसूला गया
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हरियाणा की खट्टर सरकार ने दो साल पहले अवैध खनन को लेकर डीएसपी स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति कर 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को उस स्क्वायड में तैनात किया था.
हरियाणा के नूंह में अवैध खनन रोकने पहुंचे डीएसपी की खौफनाक तरीके से हत्या कर दी गई, जिसके बाद अवैध खनन को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.
दरअसल हरियाणा की खट्टर सरकार ने दो साल पहले अवैध खनन को लेकर डीएसपी स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति कर 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को उस स्क्वायड में तैनात किया था. इस टीम की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ दो साल में सिर्फ साउथ हरियाणा की टीम ने 2400 से ज्यादा डंपर जब्त कर लिए थे और करोड़ों रुपये का राजस्व जुर्माने के तौर पर वसूल कर अवैध खनन करने वालों की कमर तोड़ कर रख दी थी.
मार्च में खत्म किया गया दोनों टीमों का कार्यकाल
हरियाणा सरकार की ओर से मार्च में महीने में नॉर्थ और साउथ हरियाणा की उन दोनों टीमों का कार्यकाल खत्म कर दिया गया. इन टीम ने राजस्व में बढ़ोतरी की, उसके बावजूद इनका कार्यकाल खत्म किया जाने से सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल गुरुग्राम से लगते मेवात एरिया के तावडू से लेकर तिजारा और फिरोजपुर झिरका तक अवैध खनन का काला कारोबार बदस्तूर जारी है. उस टीम के कार्यकाल के खत्म हो जाने के बाद अवैध खनन से जुड़े आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी लगभग खत्म हो गई.
विश्व का सबसे बड़ा फोल्डेड माउंटेन था अरावली
गुजरात से शुरू होकर हरियाणा और राजस्थान पार करते हुए दिल्ली तक मौजूद अरावली पर्वत कभी पूरे विश्व का सबसे बड़ा फोल्डेड माउंटेन था, लेकिन अवैध माइनिंग की वजह से ना केवल छोटा होता गया, बल्कि अब कई पहाड़ियों के अवशेष ही बचे हैं. हरियाणा के तावडू में डीएसपी की हत्या के बाद अरावली में अवैध खनन माफिया भले ही लाइमलाइट में आ गया हो, लेकिन पर्यावरण के लिहाज से संवदेनशील माने जाने वाले अरावली पर्वत श्रृंखला में अवैध खनन (माइनिंग) नई बात नहीं है.

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