अमेरिकी रिपोर्ट में 2022 में भारत को ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ देश माना गया
The Wire
अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित थिंक-टैंक 'फ्रीडम हाउस' ने 'फ्रीडम इन द वर्ल्ड' 2023 संस्करण में भारत को सौ में से 66 अंकों के साथ 'आंशिक रूप से स्वतंत्र' देश मानते हुए कहा है कि भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों को ख़तरा बना हुआ है, आरटीआई क़ानून कमज़ोर हुआ है, लोकायुक्त संस्थाएं निष्क्रिय हैं और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं.
नई दिल्ली: अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित थिंक-टैंक ‘फ्रीडम हाउस’ द्वारा किए गए एक आकलन में भारत को वर्ष 2022 में ‘आंशिक स्वतंत्र‘ देश का दर्जा दिया गया है. ‘आबादी के अधिकारहीन तबकों को पूर्ण राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए व्यावहारिक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. मुस्लिम उम्मीदवारों ने 2019 के लोकसभा चुनावों में पिछली बार की 22 सीट से बढ़कर 545 में से 27 सीट जीतीं. हालांकि, यह केवल सदन की 5% सीटों के बराबर है, जबकि 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में मुसलमानों की आबादी 14.2 फीसदी है.’
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में भारत के समग्र स्कोर में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
संगठन ने कहा कि ‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड’ का 2023 संस्करण वार्षिक तुलनात्मक रिपोर्ट की इस श्रृंखला में 50वां है. रिपोर्ट में समान मापदंडों पर 195 देशों को रैंक दी गई है- और भारत को 100 में से 66 अंक मिले हैं.
मूल्यांकन के मापदंडों में चुनावी प्रक्रियाएं, राजनीतिक बहुलवाद एवं भागीदारी, सरकार की कार्यपद्धति, अभिव्यक्ति एवं मत की स्वतंत्रता, संस्थागत व संगठनात्मक अधिकार, कानून का शासन और व्यक्तिगत स्वायत्तता एवं व्यक्तिगत अधिकार शामिल थे.