
अमेरिका के H-1B वीजा प्रोग्राम में बदलाव की घोषणा, भारतीयों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा!
AajTak
अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विसेस (यूएससीआईएस) के मुताबिक, इन परिवर्तनों का उद्देश्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खाली पदों को भरना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है. होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव एलेजांद्रो एन मेयरकास ने कहा,
अमेरिका में पढ़ने और नौकरी की इच्छा रखने वाले लाखों भारतीयों के लिए राहत भरी खबर है. कारण, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने H-1B वीजा कार्यक्रम को आधुनिक बनाने के लिए अंतिम नियम की घोषणा की है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को महत्वपूर्ण नौकरी रिक्तियों को अधिक प्रभावी ढंग से भरने में मदद मिलेगी. 17 जनवरी, 2025 को लागू होने वाला यह अपडेटेड नियम अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा, नियोक्ताओं को शीर्ष प्रतिभाओं को बनाए रखने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करेगा और कार्यक्रम की अखंडता और निगरानी को मजबूत करेगा.
इस कदम से भारतीयों को सबसे अधिक लाभ होने की संभावना है.
दरअसल, हाल के वर्षों में भारतीयों ने H-1B वीजा का बड़ा हिस्सा हासिल किया है. इस अपडेट से अमेरिका में F-1 वीजा पर भारतीय छात्रों को भी लाभ होगा क्योंकि नए नियम उन्हें नौकरी पाने में मदद करने का प्रयास करते हैं.
अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विसेस (यूएससीआईएस) के मुताबिक, इन परिवर्तनों का उद्देश्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खाली पदों को भरना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है. होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव एलेजांद्रो एन मेयरकास ने कहा, "अमेरिकी व्यवसाय अत्यधिक कुशल प्रतिभाओं की भर्ती के लिए एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर निर्भर हैं, जिससे देश भर के समुदायों को लाभ मिल रहा है."
उन्होंने कहा, "कार्यक्रम में ये सुधार नियोक्ताओं को वैश्विक प्रतिभाओं को नियुक्त करने, हमारी आर्थिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और अत्यधिक कुशल श्रमिकों को अमेरिकी नवाचार को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करते हैं."
नए नियम में मुख्य अपडेट

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






