अब तक 26 हजार मौत, शव दफनाने की भी जगह नहीं... भूकंप के बाद तुर्की में बिगड़ते जा रहे हालात
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक तुर्की के 10 प्रांतों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जानकारी के मुताबिक यहां 10 हजार इमारतें गिर गई हैं. जबकि एक लाख इमारतों को नुकसान पहुंचा है. ग्राउंड जीरो से आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक उस्मानिया में इतनी लाशें मौजूद हैं कि उन्हें दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जमीन कम पड़ रही है.
तुर्की और सीरिया में इन दिनों मातम का वक्त है. हजारों लोगों की मौत लेकर आए भूकंप ने दोनों देशों में इतनी तबाही मचाई है जिसकी गिनती अब तक जारी है. दोनों देशों में मिलाकर मौत का आंकड़ा 26 हजार से पार हो चुका है. दोनों ही देशों में राहत और बचाव का काम जारी है.
रेस्क्यू में जुटे बचावकर्मियों ने मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई है. बचावकर्मियों का दावा है कि अभी भी सैकड़ों परिवार इमारतों के मलबों में दबे हैं. तुर्की के 10 प्रांतों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. यहां 10 हजार इमारतें गिर गई हैं. जबकि एक लाख इमारतों को नुकसान पहुंचा है.
तुर्की के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर उठ रहे सवाल
तबाही के मंजर के बीच एक्सपर्ट्स ने बताया है कि तुर्की में भूकंप से ढही हर 10 में से एक इमारत नई थी, जिनका निर्माण 2007 के बाद हुआ था. तुर्की में बड़े पैमाने पर इमारतों के ढहने ने वहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर की पोल खोल दी है. तुर्की के उस्मानिया में मंजर कुछ ऐसा है कि सड़कों पर ही कई ताबूत दिखाई दे रहे हैं. ग्राउंड जीरो से आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक उस्मानिया में इतनी लाशें मौजूद हैं कि उन्हें दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जमीन कम पड़ रही है.
भूकंप के झटकों का सिलसिला
बता दें कि छह फरवरी को स्थानीय समयानुसार तड़के 4.17 मिनट पर तुर्की और सीरिया में जोरदार भूकंप आया. रिक्टर स्केल पर इन झटकों की तीव्रता 7.8 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र 18 किलोमीटर जमीन के नीचे था. इन झटकों के कुछ ही मिनटों के बाद दोबारा रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता से भूकंप आया. इसके लगभग नौ घंटे बाद दोपहर 1.24 मिनट पर जब लोग भूकंप से हुए नुकसान का जायजा ले रहे थे या इस त्रासदी में अपनों की मौत का मातम मना रहे थे, तभी तीसरी बार रिक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप का झटका आया जिससे कि देश दहल उठा. रिक्टर स्केल पर आए भूकंप के भीषण झठके के बाद उसी इलाके में कई दिनों या फिर सालों तक भूकंप के छोटे-छोटे झटकों को आफ्टरशॉक कहा जाता है.
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