अफ्रीकी देश मलावी में तूफान फ्रेडी का कहर, 40 से ज्यादा लोगों की मौत
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मलावी इस समय मौसम की मार से जूझ रहा है. यहां भीषण तूफान के कारण लोगों का भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों का आंकड़ा आगे बढ़ भी सकता है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार फ्रेडी दक्षिणी गोलार्ध में अब तक दर्ज किए गए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक है और यह सबसे लंबे समय तक चलने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात हो सकता है.
अफ्रीकी देश मलावी में उष्णकटिबंधीय (tropical storm) तूफान फ्रेडी से अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है. यहां हालात काफी बुरे हैं. कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या आगे और भी बढ़ सकती है. फिलहाल राहत और बचाव अभियान चलाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में लाशों को ढूंढने का काम जारी है.
सोमवार को तूफान के दौरान ब्लैंटायर शहर में एक आवासीय क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गया. विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार फ्रेडी दक्षिणी गोलार्ध में अब तक दर्ज किए गए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक है और यह सबसे लंबे समय तक चलने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात हो सकता है.
इस भयंकर तूफा ने शनिवार को मध्य मोजाम्बिक को धराशायी कर दिया. तूफान इतना भयानक था कि इमारतों की छतें टूट गईं और भूस्खलन के कारण मलावी की तरफ क्वीलिमेन के बंदरगाह के आसपास बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. बता दें कि मलावी इस समय अपने इतिहास में सबसे घातक हैजा के प्रकोप से भी जूझ रहा है. यूएन की एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि फ्रेडी के चलते भारी बारिश के कारण स्थिति और खराब हो सकती है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन उष्णकटिबंधीय तूफानों को मजबूत बना रहा है, क्योंकि महासागर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से गर्मी को अवशोषित करते हैं और जब गर्म समुद्री जल वाष्पित हो जाता है तो ऊष्मा ऊर्जा वातावरण में स्थानांतरित हो जाती है.