
अफगान पुलिस में काम करने वाली महिला डायरेक्टर, जिस पर तालिबान ने बरसाईं थीं गोलियां
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1996 में जब सबा अपना पहला स्क्रीनप्ले लिख रही थीं, तब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. उन्होंने सिनेमा को लोगों को नैतिकता के पथ से भटकाने वाला बताकर दरकिनार कर दिया था. उस साल अफगानिस्तान द्वारा चलाई जा रही फिल्म कंपनी के कई दफ्तर तबाह कर दिए. आग लगा दिए गए, इस हिंसक माहौल में सबा को देश छोड़कर पाकिस्तान जाना पड़ा. उनके कई दोस्त फिल्म देखते वक्त पकड़े गए और उन्हें पुलिस ने मौत के घाट उतार दिया.
तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता हथिया ली है. अफगानिस्तान का हर शख्स इस वक्त तालिबान की दहशत से सहमा हुआ है. दुनिया के बाकी हिस्सों में भी अफगानिस्तान के लोगों की सुरक्षा के लिए दुआएं उठ रही है. अफगानिस्तान जो अरसे से तालिबान के साथ जंग लड़ रहा है, वहां की सड़कें कभी मुस्कुराते चेहरों से गुलजार रहती थीं. ऐसे ही खुशनुमा माहौल में अफगानिस्तान की पहली महिला फिल्म निर्देशक और निर्माता सबा सहर का जन्म हुआ था. सबा सहर अफगानिस्तानी एक्ट्रेस और वहां की पहली महिला फिल्म निर्देशक और निर्माता हैं. उनका जन्म 28 अगस्त 1975 को काबुल में हुआ था. सबा का जन्म ऐसे काबुल में हुआ जहां रिकॉर्ड्स की दुकानें, थिएटर्स और सिनेमा थी. उन्हें हमेशा से ही एक्ट्रेस बनने की चाहत थी. सबा ने 8 साल की उम्र में काबुल थिएटर में पहला स्टेज अपीयरेंस दिया. परिवार की इजाजत के बगैर उठाए इस कदम के बावजूद उनके चेहरे पर अफसोस की एक शिकन तक नहीं थी. उनके परिवार ने उन्हें रोकना चाहा लेकिन जब सबा के पिता ने उनकी परफॉर्मेंस देखी तो उन्होंने उसे अपनी दुआएं दी.More Related News

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